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अब रिजेक्‍ट नहीं होगा पीएफ खाते का क्‍लेम! ईपीएफओ ने जल्‍द पैसा दिलाने के लिए बनाया नया नियम

आमतौर पर ईपीएफ (EPF) सब्‍सक्राइबर्स की एक ही शिकायत रहती है कि उन्‍हें ईपीएफ का अपना पैसे लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. उनका ईपीएफ क्‍लेम कई-कई बार रिजेक्‍ट कर दिया जाता है. कर्मचारियों की इन्‍हीं शिकायतों को देखते हुए अब ईपीएफओ (EPFO) ने जल्‍द क्‍लेम दिलाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन का सभी स्‍थानीय ईपीएफओ कार्यालयों को कड़ाई से पालन करना होगा.

ईपीएफओ की गाइडलाइन्‍स (EPFO guidelines) में कहा गया है कि स्‍थानीय ऑफिस ईपीएफ क्‍लेम (EPF Claim) पर जल्‍द कार्यवाही करें और समय पर क्‍लेम सदस्‍यों को दें. साथ ही वे बार-बार क्‍लेम को रिजेक्‍ट न करें. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना वजह क्‍लेम को न अटकाएं. अक्सर देखने में आया है कि कर्मचारियों का कई बार पीएफ क्लेम किसी न किसी कारणवश कैंसिल हो जाता है. कर्मचारी को पैसे की जरूरत होती है, लेकिन समय पर पैसा नहीं मिल पाता और उसे परेशानी झेलनी पड़ती है.

क्‍लेम की पूरी जांच
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईपीएफओ ने कहा है कि जब क्‍लेम फाइल किया जाए तो उस क्‍लेम की शुरुआत में ही पूरी जांच होनी चाहिए. क्‍लेम फाइल करते वक्‍त अगर कुछ कमियां रह गई हैं तो उसे सदस्‍य को पहली बार में ही क्‍लेम रिजेक्‍ट करते वक्‍त बता देना चाहिए. अब तक होता यह है कि एक क्‍लेम कई बार अलग-अलग कारण बताकर रिजेक्‍ट कर दिया जाता है. इससे क्‍लेम मिलने में देरी तो होती ही है, साथ ही कर्मचारी को परेशानी भी होती है.

तय समय में हो क्‍लेम प्रोसेस
ईपीएफओ की नई गाइडलाइन्‍स में कहा गया है कि फील्‍ड कार्यालय एक ही कारण से रिजेक्‍ट किए गए सभी क्‍लेम जोनल ऑफिस को समीक्षा के लिए भेजेंगे. तय समय में ही क्‍लेम को प्रोसेस किया जाएगा. अगर कोई क्‍लेम एक बार रिजेक्‍ट होने के बाद दोबारा फाइल किया जाता है तो उसे कोई और कारण बताकर रिजेक्‍ट नहीं किया जाएगा. क्‍लेम की सभी कमियां एक बार में ही क्‍लेम फाइल करने वाले कर्मचारी को अब बतानी होगी.

लंबे समय से है शिकायत
क्‍लेम मिलने में देरी होने की लंबे समय से शिकायतें आ रही हैं. कर्मचारियों का कहना है कि ईपीएफओ के स्‍थानीय और जोनल ऑफिस क्‍लेम को प्रोसेस करने में बहुत समय लेते हैं. क्‍लेम में कई बार ऑब्‍जेक्‍शन लगाकर रिजेक्‍ट कर दिया जाता है. क्‍लेम फाइल करते वक्‍त जो कमियां रह जाती हैं, उन्‍हें एक बार में नहीं बताया जाता.