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सोना हुआ 400 रुपये सस्ता, चांदी भी 800 रुपये से अधिक गिरी, देखें सर्राफा बाजार का ताजा रेट

दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने और चांदी की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली. दिल्ली में सोने की कीमत 420 रुपये गिरकर 54,554 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. बुधवार को सोने के दाम में तेजी दिखी थी और यह 54,974 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं, चांदी आज 869 रुपये टूटकर 68,254 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई.

बुधवार को चांदी की कीमत में भी तेजी देखी गई थी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमत में गिरावट देखने को मिली. इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 1,788 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा था. वहीं, चांदी भी बढ़कर 23.14 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई.

क्यों आई गिरावट
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर दिख रहा है. उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरों में तेजी की ओर इशारा किया है. गौरतलब है कि इससे आर्थिक सुस्ती की आशंका बढ़ गई है और निवेशक शेयर मार्केट से लेकर कमोडिटी तक में अपना निवेश कम कर रहे हैं.

गोल्ड फ्यूचर
वायदा बाजारों में भी सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिली है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर फरवरी के लिए सोना गुरुवार को 406 रुपये या 0.74 फीसदी टूटकर 54,268 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था. वहीं, अतंरराष्ट्रीय बाजार में सोने का वायदा भाव 0.86 फीसदी घटकर 1,803.10 पर कारोबार कर रहा है.

कैसी रही इस साल सोने की मांग
मालाबार ग्रुप के चेयरमैन एम.पी. अहमद का कहना है कि इस साल अक्टूबर-दिसंबर में शादी के सीजन में गोल्ड की सेल पिछली बार के मुकाबले 10-12 फीसदी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के बीच मांग मजूबत दिखाई दे रही है. बकौल अहमद, आजकल लोग सोने व उसके आभूषणों की कीमत पर निवेश को ध्यान में रखते हुए नजर बनाए हुए हैं.

शेयर मार्केट में त्राहिमाम
शेयर बाजार में 2 दिन चली रैली के बाद आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. बीएसई का सेंसेक्स 878 अंक टूटकर 61799 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी ने 245 अंकों का गोता लगाया और लुढ़कर 18414.90 पर पहुंच गया. बाजार में गिरावट अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बिकवाली से प्रभावित दिखी. गौरतलब है कि यहां भी फेडरल रिजर्व के फैसले का असर दिखा. फेड ने ब्याज दरों में तेज वृद्धि कर निवेशकों को चौंका दिया. निवेशक मानकर चल रहे थे कि महंगाई के आंकड़ों में संतोषजनक गिरावट होने के बाद फेड कुछ हद तक ब्याज दरों में नरमी बरतेगा. हालांकि, इस फैसले के बाद अब वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका को एक बार फिर से हवा मिल गई है.