यूक्रेन पर फुल स्केल वॉर की तरफ बढ़ रहे रूस ने शुक्रवार को एक के बाद एक सैंकड़ों मिसाइलों की बरसात कर देश को ब्लैकआउट की ओर धकेल दिया. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, नौ ऊर्जा सुविधाओं को नुकसान पहुंचा और देश भर में आपातकालीन ब्लैकआउट शुरू करने के लिए यूक्रेन को मजबूर होना पड़ा. कड़ाके की ठंड से झूझ रहे इस देश में, हमलों ने यूक्रेन के कई हिस्सों में पानी और बिजली सेवाओं जैसी आवश्यक सेवाओं को ठप कर दिया है.
वहीं राष्ट्रीय ऊर्जा प्रदाता ने खतरे की घंटी बजाई और यूक्रेनवासियों को चेतावनी दी कि देश के उत्तर, दक्षिण और केंद्र में दर्जनों रूसी मिसाइलों द्वारा प्रमुख बुनियादी ढांचा स्थलों को निशाना बनाने के बाद बिजली बहाल करने में अधिक समय लग सकता है. AFP द्वारा एक्सेस किए गए एक बयान में, Ukrenergo ने कहा, “महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी जाएगी जिसमें अस्पताल, जल आपूर्ति सुविधाएं, गर्मी आपूर्ति सुविधाएं और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं.”
अक्टूबर के बाद से रूसी हवाई बमबारी की नौवीं लहर को चिह्नित करते हुए शुक्रवार को हवाई हमले के सायरन बजने के बाद निवासियों को भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में लिपटे हुए सर्दियों के कोट में देखा गया. वहीं यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कड़ाके की ठंड के बीच इन हमलों की नींद की. बोरेल ने एक बयान में कहा, “इन क्रूर, अमानवीय हमलों का उद्देश्य मानवीय पीड़ा को बढ़ाना और यूक्रेनी लोगों को वंचित करना है, लेकिन अस्पतालों, आपातकालीन सेवाओं और बिजली, हीटिंग और पानी की अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं से भी” यह कहते हुए कि ये मिसाइल अटैक ‘युद्ध अपराध’ का उल्लंघन करते हैं.