भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave in India) ने पिछले साल मार्च-अप्रैल-मई में जमकर तांडव मचाया था. इस महामारी के चलते आम आदमी के साथ-साथ इंश्योरेंस कंपनियों को भी तगड़ा झटका लगा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान बीमा कंपनियों के डेथ क्लेम यानी मृत्यु दावों में 73.41 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बीमाकर्ताओं ने 2021-22 के दौरान 15.87 लाख पॉलिसियों से जुड़े 45,817 करोड़ रुपये के क्लेम का भुगतान किया है, जबकि इससे पिछले वर्ष बीमा दावाओं का यह आंकड़ा 10.83 लाख पॉलिसी और 26,421 करोड़ रुपये था.
आईआरडीएआई की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से 17,269 करोड़ रुपये के क्लेम कोविड से हुई मौतों के कारण दिए गए थे. दूसरी ओर, बीमाकर्ताओं ने वर्ष के दौरान कोविड के कारण हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम और डेथ क्लेम के लिए कुल 41,631 करोड़ रुपये खर्च किए.
LIC के इंश्योरेंस क्लेम में भी बढ़ोतरी
भारत के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता जीवन बीमा निगम (LIC) ने 2021-22 में मृत्यु दावों के लिए 13.49 लाख पॉलिसियों से जुड़े 28,408 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 18,295 करोड़ रुपये था. इस अवधि के दौरान आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने 2,977 करोड़ रुपये और एचडीएफसी लाइफ ने 2,608 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया.
दिलचस्प बात यह है कि जीवन बीमाकर्ताओं ने वित्त वर्ष 2022 में कोविड के कारण 1,550 दावों से जुड़े 448 करोड़ रुपये के क्लेम को खारिज कर दिया. कोविड से जुड़े 41,631 करोड़ रुपये के दावों में से 24,362 करोड़ रुपये का भुगतान सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा कोविड अस्पताल उपचार दावों के लिए किया गया और 17,269 करोड़ रुपये का भुगतान जीवन बीमाकर्ताओं द्वारा परिवारों को कोविड मृत्यु दावों के लिए किया गया.