सामाजिक अपराध रोकने में नारियों की अग्रणी भूमिका है – डॉ किरणमई नायक
छत्तीसगढ़ से वृहद स्वरूप में शुरू हुआ नारी जागरण अभियान देशभर में निरंतर जारी रहेगा
नारी अभ्युदय” पत्रिका का विमोचन
अखिल विश्व गायत्री परिवार का आयोजन
रायपुर: प्यार और सहकार से भरा पूरा राज्य हैं छत्तीसगढ़। यहाँ के नागरिकों में अटूट श्रद्धा, निष्ठा, समर्पण, त्याग एवं श्रम एवं अपनापन देखने को मिला। परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने छत्तीसगढ़ को अपना हृदय स्थल माना है। छत्तीसगढ़ गायत्री परिवार द्वारा रायपुर में नारी सशक्तिकरण चेतना शिविर का जो वृहत आयोजन किया गया है वह पूरे देश में मिसाल बनेगा और निरंतर जारी रहेगा। यह बातें जैन मानस भवन में उपस्थित हजारों की संख्या में माताओं और बहनों को संबोधित करते हुए शांतिकुंज हरिद्वार से पहुँची नारी जागरण अभियान के प्रभारी आदरणीय शेफाली पंड्या जी ने कही। नारी सशक्तिकरण चेतना शिविर आयोजन के दूसरे दिन इस शिविर में 5000 से अधिक महिलाएं शामिल हुए।* दूसरे दिन ध्वजारोहण के साथ शेफाली दीदी ने गायत्री परिवार के प्रतीक मशाल को जलाकर उपस्थित नारियों को सौंपा एवं इस मशाल के माध्यम से विचार क्रांति एवं ज्ञान यज्ञ का विस्तार छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में करने को कहा।
इसी शिविर में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित *छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने कहा कि सामाजिक अपराध को रोकने के लिए महिला की भूमिका अग्रणी रहती है आज यदि नारी संस्कारवान होगी तो वह अपने परिवार एवं आने वाली पीढ़ी को भी संस्कारवान बना सकती हैं नारी को स्वावलंबी तथा शिक्षित होना भी आवश्यक है। और यह सभी कार्य गायत्री परिवार द्वारा किया जा रहा है जो सराहनीय है।*
इस शिविर के माध्यम से श्रीमती शेफाली पंड्या, डॉक्टर किरणमई नायक, श्रीमती आदर्श वर्मा, डॉक्टर कुंती साहू के द्वारा “नारी अभ्युदय” पत्रिका का विमोचन भी किया गया
श्रीमती पंड्या ने अपने उद्बोधन में कहा के परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में तथा माता भगवती देवी शर्मा के मातृत्व, प्यार व स्नेह से ही आज इतना विशाल संगठन खड़े हुआ है। गुरु सत्ता के द्वारा बताए गए मार्गों में चलते हुए हमे पर्यावरण संरक्षण, नशा उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कुरीति उन्मूलन, नारी जागरण अभियान को तीव्र गति से चलाते हुए उनके संदेश को प्रत्येक राज्य के सभी जिले, ब्लॉक व गांव-गांव के प्रत्येक घरों तक पहुचाना हैं। नारी सशक्तिकरण चेतना शिविर में उन्होंने नारी के महत्व को साहस के प्रतीक झांसी की रानी, संयम के प्रतीक सती अनुसुइया एवं गार्गी, अदिति आदि के जीवन का उदाहरण देते हुए समझाया इन महान विभूतियों के इतिहास से हम अपने समाज को भी एक नई दिशा दे सकते हैं। साथ ही सती सावित्री एवं सत्यवान की कथा को सुनाते हुए बताया कि जिस प्रकार यमराज को भी सती की श्रद्धा, निष्ठा और संकल्प के आगे नतमस्तक होना पड़ा उसी प्रकार की श्रद्धा निष्ठा और विश्वास आज के प्रत्येक नारियों के जीवन में अति आवश्यक है। जहां नारी का सम्मान होता है देवता वही निवास करते हैं। हम आज के समय में भी माताओं और बहनों को प्रताड़ित होते देखते हैं कहीं दहेज की प्रताड़ना है तो कहीं और कुछ की तो ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि प्रताड़ना को रोकने के लिए हम आगे आए और अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं जिससे इस तरह की कुरीतिया बंद हो सके। आज प्रत्येक घर के महिला को संस्कारवान शिक्षित एवं स्वावलंबी होना आवश्यक है एवं उसमें आत्म परिष्कार भी होना चाहिए यह सब साधना वह ध्यान से ही संभव है। 21वीं सदी नारी सदी है और नारियों की भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका से ही हमारा देश पुनः विश्व गुरु बनेगा। शिविर के तृतीय एवं अंतिम दिवस 29 दिसंबर 2022 को डॉ चिन्मय पंड्या प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेया आदरणीय शैलबाला जीजी का विशेष संदेश होगा एवं दीप यज्ञ के माध्यम और संकल्प से इस चेतना शिविर का समापन होगा।
प्रेषक :-
राजेश कुमार शुक्ला / अमित डोये /
*प्रज्ञा प्रकाश निगम*
मीडिया प्रभारी
गायत्री परिवार रायपुर छत्तीसगढ़
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