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केंद्र सरकार ने जेल में कैदियों के लिए उठाया बड़ा कदम, मानसिकता सुधारने के लिए इस योजना पर होगा अमल

जेल में कैदियों को सुधारने के एक बड़े कदम के रूप में सरकार ने डी-रेडिकलाइजेशन (De-Radicalisation) योजना की शुरुआत की है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी डीजी कारागार से कहा है कि वे सभी जेलों में सुधारात्मक और व्यवहार विशेषज्ञों की मदद से नियमित विशेष डी-रेडिकलाइजेशन सत्र आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित करें ताकि गुमराह लोगों की मानसिकता को बदला जा सके. इस बारे में उप सचिव अरुण सोबती ने एक पत्र में कहा कि जेलप्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कट्टरपंथ की विचारधारा का प्रचार करने वाले कैदियों को अन्य कैदियों से दूर अलग बाड़े में रखा जाए.

उन्होंने साथ ही कहा कि जेल प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जो कैदी नशीले पदार्थों और ड्रग्स (Drugs) की तस्करी आदि से संबंधित अपराधों के लिए हिरासत में हैं, उन्हें भी अलग से रखने की आवश्यकता है. सोबती ने अपने पत्र में कहा कि 3,240 अदालत परिसरों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. पत्र में जेल अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का उपयोग करने के लिए विशेष प्रयास करने का अनुरोध किया गया है.