देश में महंगाई को काबू करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. आने वाले दिनों में में दालों के दाम न बढ़े, इसके लिए सरकार ने अभी से इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं. देश में अरहर दाल की कमी न हो, इसके लिए सरकार ने 10 लाख टन अरहर दाल आयात करने का फैसला किया है. यही नहीं देश में चने की दाल की कीमतों को काबू में रखने के लिए नेफेड खुले बाजार में सस्ते भाव में चने बेच रहा है. इससे देश में चना और चना दाल की कीमतें नियंत्रण में है.
कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अरहर का उत्पादन पिछले वर्ष के 43.4 लाख टन से घटकर 38.9 लाख टन रहने का अनुमान जताया है. प्रमुख अरहर उत्पादक राज्य कर्नाटक में कई जगहों पर खराब मौसम और बीमारी से अरहर की फसल बर्बाद हो गई है. इससे उत्पादन घटने की आशंका बढ़ गई है. देश में अरहर उत्पादन कम होने की संभावना के चलते ही सरकार ने अब 10 लाख टन अरहर दाल आयात करने का फैसला किया है.
चना दाल के दाम भी नहीं बढ़ेंगे
देश में पिछले सीजन में चना की अच्छी पैदावार हुई थी. नेफेड ने पिछले सीजन एमएसपी किसानों से खूब चना खरीदा था. अब नेफेड खुले बाजार में थोक खरीदारों को टेंडर प्रक्रिया के 4700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चना बेच रहा है. नेफेड के चना बेचने से बाजार में चने की कीमतें 4,800-4,900 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं. 2022-23 सीजन के लिए चना की एमएसपी 5,335 रुपये प्रति क्विंटल था. नेफेड के चना बेचने से बाजार में चने और चना दाल के भाव स्थिर हुए हैं.
दिसंबर में भी आयात की गई थी दाल
पिछले साल दिसंबर 2022 में भी भारत ने 2 लाख टन अरहर दाल आयात की थी. भारत सबसे अधिक अरहर दाल पूर्वी अफ्रीकी देश और म्यांमार से आयात करता है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने कुल 7.6 लाख टन अरहर दाल का आयात किया था. अरहर दाल का आयात पहले ही 31 मार्च, 2024 तक खुले सामान्य लाइसेंस के तहत लाया जा चुका है.