देश में कई राज्य एक के बाद एक अपने यहां पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ राज्य तो इसे लागू भी कर चुके हैं. लेकिन सोमवार को आरबीआई (RBI) ने पेंशन स्कीम पर वापस लोटने पर राज्य सरकारों को चेतावनी दी. आरबीआई ने कहा कि राज्य पुरानी पेंशन स्कीम लागू करते हैं तो उन्हें वित्तीय प्रबंधन के लिए एक बड़ा खतरा है. आरबीआई ने राज्यों के वित्त व्यवस्था पर सालाना रिपोर्ट जारी की है जिसमें कोरोना महामारी के बाद राज्यों की वित्तीय स्थिति को काफी आशाजनक बताया है लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चिंता जाहिर की है.
आरबीआई का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना बहाल कर रही हैं. इस महीने की शुरुआत में, हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए ओपीएस में वापस आने वाला चौथा राज्य बन गया. छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब ने भी ओपीएस शुरू कर दी है.
RBI ने रिपोर्ट में कही ये बात
आरबीआई ने स्टेट फाइनेंस पर अपनी ताजा रिपोर्ट में पुरानी पेंशन योजना के बारे में कहा, ‘राजकोषीय संसाधनों में वार्षिक बचत जो इस कदम पर जोर देती है, वह अल्पकालिक है. वर्तमान के खर्चों को भविष्य के लिए स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों में अनफंडेड पेंशन देनदारियों का जोखिम उठा रहे हैं.’
राज्यों को हो सकती है परेशानी
आरबीआई ने सब-नेशनल फिस्कल होराइजन के लिए इसे बड़ा खतरा बताया है. वहीं, आरबीआई ने राज्यों से हेल्थ, एजुकेशन, इंफ्रा और ग्रीन एनर्जी पर उच्च पूंजीगत व्यय का आह्वान किया है. रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा कि राज्यों में राजकोषीय स्थिति में सुधार के साथ-साथ ऑफ-बजट उधारी, एक ऐसा मुद्दा है जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ उठाया था. आरबीआई ने सुझाव दिया है कि राज्यों को उच्च पूंजीगत व्यय पर ध्यान देना चाहिए.
राज्य ओपीएस का वित्तीय बोझ नहीं कर पाएंगे वहन
नवंबर में नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी कहा था कि राज्य ओपीएस का वित्तीय बोझ वहन नहीं कर पाएंगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि देनदारी बहुत बड़ी होगी.
इस वजह कर्मचारी कर ओल्ड पेंशन की मांग
दरअसल, जनवरी 2004 में न्यू पेंशन स्कीम के लागू होने के बाद ओपीएस को खत्म कर दिया गया था. ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत जब कर्मचारी रिटायर होता था तो उसे अंतिम सैलरी की 50 फीसदी राशि का भुगतान पेंशन के तौर पर किया जाता था. वहीं, ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी के सेवाकाल का कोई असर नहीं पड़ता था. इसके अलावा हर साल महंगाई भत्ता बढ़ने के साथ-साथ वेतनमान लागू होने पर सैलरी में बढ़ोतरी होती थी. ओपीएस धारक की मृत्यु के बाद पत्नी या अन्य आश्रित को पेंशन मिलती थी. इन्हीं वजहों के चलते कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं. कुछ राज्य सरकारों ने OPS को दोबारा लागू करने का ऐलान कर दिया है.