1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट (Budget 2023) से पहले इनकम टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण बदलावों की अटकलें लगाई जा रही हैं. भारत इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए प्रोग्रेसिव टैक्स स्लैब सिस्टम को फॉलो करता है, जिसमें अलग-अलग फैक्टर्स के आधार पर टैक्स की दर (Income Tax Slab) निर्धारित की जाती है. इन फैक्टर्स में आयु समूह और आय के अलग-अलग स्तर समेत कुछ अन्य कारक शामिल हैं, जिनके आधार पर भारत में इनकम टैक्स की दरें तय होती है.
वहीं, भारत के अलावा अन्य देशों में भी इनकम टैक्स स्लैब के निर्धारण को लेकर नियम करीब समान हैं लेकिन दरें अलग-अलग हैं. आइये विस्तार से जानते हैं इनकम टैक्स की दरों का निर्धारण करने वाले विभिन्न फैक्टर्स के बारे में…
इन फैक्टर्स के आधार पर तय होती हैं आयकर की दरें
टैक्स बचाने के लिए मिली हैं ये बड़ी राहत
केंद्रीय बजट 2014-15 में मूल छूट सीमा को 200,000 रुपये से बढ़ाकर 250,000 रुपये कर दिया गया था. यह वही वर्ष था जब आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 80C के तहत कटौती की सीमा को INR 100,000 से बढ़ाकर INR 150,000 कर दिया गया था