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राहुल गांधी को पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर जारी किया गया नोटिस, बुधवार तक देना होगा जवाब

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी टिप्पणी को लेकर लोकसभा सचिवालय ने नोटिस भेजा है. इसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर जवाब मांगा गया है.

इस नोटिस में राहुल गांधी पर लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गलत, अवमानना पूर्ण, असंसदीय और भ्रामक तथ्य रखने का आरोप लगाया है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी से इन आरोपों पर बुधवार 15 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

निशिकांत दुबे ने आरोपों को बताया भ्रामक
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी के खिलाफ निशिकांत दुबे ने ब्रीच ऑफ प्रिविलेज यानी विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. निशिकांत दुबे ने लिखा, ‘राहुल गांधी ने अपने बयानों के समर्थन में कोई विधिवत प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है. इस तरह, उन्होंने एक बयान दिया है जो किसी भी दस्तावेजी सबूत के अभाव में सदन को गुमराह करने जैसा है.’ बीजेपी सांसद ने कहा कि उनकी टिप्पणी ‘भ्रामक, अपमानजनक, अभद्र, असंसदीय, अशोभनीय और आपत्तिजनक प्रकृति की थी.’

प्रह्लाद जोशी ने सारी टिप्पणियों को सदन से हटाने की मांग की
वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोक सभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा था कि नियम 380 के तहत राहुल गांधी के कुछ असंसदीय, असम्मानीय आरोपों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए. जोशी ने कहा कि नियम 353 के तहत उस व्यक्ति पर आरोप नहीं लगाये जा सकते जो अपने बचाव के लिए सदन में उपस्थित नहीं है. उन्होंने कहा कि नियम के तहत इसके लिए पूर्व में नोटिस देना होता है और लोकसभा अध्यक्ष से पूर्व अनुमति लेनी होती है. जोशी ने कहा कि इसी तरह नियम 369 के तहत सदन में दिखाये गये किसी कागज को सत्यापित करना होता है जो कांग्रेस सदस्य ने नहीं किया. इसलिए मैं आसन से आग्रह करता हूं कि उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जाए और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाए.

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया था कि 2014 में केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने बाद ऐसा ‘असली जादू’ हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. उनका कहना था, ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी जी की विदेश में शेल कंपनियां हैं. इन शेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है