कई बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बावजूद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आ जाता है. यह नोटिस इनकम टैक्स एक्ट के अलग अलग सेक्शन के अंतर्गत आता है. यह नोटिस दरअसल एक लिखित कम्युनिकेशन है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से एक टैक्सपेयर को उसके टैक्स अकाउंट से जुड़ी दिक्कतों के बारे में अलर्ट करता है. अगर आपने अपनी इनकम छुपाई है या समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, तो आयकर विभाग की तरफ से आपको नोटिस मिल सकता है. आयकर विभाग टैक्स पेयर्स के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है.
आयकर विभाग अब ऐसे लोगों की तरफ से दिये गए आमदनी के ब्योरा और खरीदी गई संपत्ति का मिलान करेगा. इन लोगों की तरफ से घोषित की गई आईटीआर में कुछ भी गड़बड़ पाया गया तो इन्हें तुरंत नोटिस भेजा जाएगा. आयकरदाता की तरफ से नोटिस का जवाब मिलने के आधार पर एक्शन लिया जाएगा.
ये चीजें छुपाई तो आ जाएगा नोटिस
बता दें कि विभाग की नजर अब महंगे फ्लैट, फॉर्म हाउस और लग्जरी गाड़ियां खरीदने वालों पर खास तौर से रहेगी. आयकर विभाग को ऐसी भनक लगी है कि लग्जरी लाइफ जीने वाले कुछ लोग अपनी आमदनी का सालाना कम ब्योरा देते हैं. विभाग को शक है कि इस तरह के लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं.
इन पर भरना होता है जुर्माना
जान लीजिए आयकर अधिनियम के तहत, करदाता द्वारा की गई विभिन्न चूकों के लिए जुर्माना लगाया जाता है. सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान नहीं करने, टैक्स के भुगतान में डिफॉल्ट, इनकम रिटर्न भरने में डिफॉल्ट और अन्य पर पेनाल्टी के अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम की अंडररिपोर्टिंग और मिसरिपोर्टिंग के लिए पेनल्टी भी लगाता है.
ये चीजें हैं गलत जानकारी में शामिल
गलत जानकारी देना या छिपाना, निवेश का सही रिकॉर्ड न दे पाना, कटौती को बढ़ा चढ़ाकर बताया पर प्रूफ नहीं दे पाना, अकाउंट बुक में कोई भी झूठी एंट्री, किसी अंतरराष्ट्रीय या किसी खास लेन देन का रेकॉर्ड छिपाने को शामिल किया है. आईटी विभाग ने आय को कम या गलत बताने के विभिन्न प्रावधानों और शर्तों को विस्तृत किया है और करदाता अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं.