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नया टैक्स सिस्टम अच्छा है या पुराना? एक्सपर्ट के पास जाने की जरूरत नहीं, ये रहा सबसे आसान तरीका

बजट (Budget 2023) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इनकम टैक्स के मोर्चे पर बड़ी छूट देने के बाद अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को एक नई सुविधा दी है. दरअसल कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि उनके लिए ओल्ड टैक्स और न्यू टैक्स रिजीम में से कौन-सी कर व्यवस्था बेहतर होगी? इस संबंध में मदद करने के लिए CBDT ने अपनी वेबसाइट पर एक कैलकुलेटर पेश किया है.

इस कैलकुलेटर की मदद से लोगों को दोनों कर व्यवस्थाओं में अपनी टैक्स लायबिलिटी के बारे में आसानी से पता चल सकेगा और इसके जरिए वे इस बात का निर्धारण कर सकेंगे कि आखिर उनके लिए कौन-सी टैक्स रिजीम ज्यादा उपयुक्त है.

न्यू टैक्स रिजीम में नहीं मिलेगी कुछ राहत
नई कर व्यवस्था में बदलाव असेसमेंट ईयर 2024-25 (वित्तीय वर्ष 2023-24) से लागू करने का प्रस्ताव है. फाइनेंस बिल 2023 के लागू होने के बाद ये परिवर्तन प्रभावी होंगे, जिसमें टैक्स छूट को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख करना और स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति शामिल है. लेकिन होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर मिलने वाली छूट नहीं दी जाएगी

कैसे काम करेगा ये कैलकुलेटर
कैलकुलेटर पहले ग्रॉस सैलरी (दोनों रिजीम के तहत छूट वाले भत्ते काटने के बाद), ग्रॉस सैलरी से कटौती योग्य/छूट राशि (स्टैंडर्ड डिडक्शन को छोड़कर) जिसकी नई व्यवस्था में अनुमति नहीं है, सैलरी और स्पेशल इनकम रेट, ब्याज के अलावा अन्य आय के बारे में जानकारी मांगेगा