इस साल केदारनाथ धाम जाने वाले रास्ते पर घोड़ों और खच्चरों की निगरानी के लिए विशेष जवानों को तैनात किया जाएगा. केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Dham) के आधार शिविर गौरीकुंड (Gaurikund) से केदारनाथ के बीच 19 किमी. लंबी पैदल यात्रा में बड़ी संख्या में बाबा भोले के भक्त घोड़ों और खच्चरों पर सवारी करके केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. खच्चरों (mules) और घोड़ों (horses) के साथ अमानवीयता न हो इसके लिए इस बार रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने विशेष उपाय करने पर जोर दिया है. इसके लिए प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को केदारनाथ के पूरे पैदल रास्ते पर तैनात करने की योजना बनाई गई है. केदारनाथ यात्रा को लेकर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय द्वारा आयोजित बैठक में जिलाधिकारी दीक्षित ने यह जानकारी शेयर की.
इस साल केदारनाथ यात्रा 25 अप्रैल से शुरू हो रही है. DM मयूर दीक्षित ने बताया कि प्रांतीय रक्षक दल के जवान इस बात की निगरानी करेंगे कि केदारनाथ के यात्रा मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों के साथ कोई क्रूरता न हो. किसी भी हालत में बीमार और कमजोर घोड़ों और खच्चरों को काम पर नहीं लगाया जाएगा. दीक्षित ने कहा कि यात्रा के हर पड़ाव पर जवानों की तैनाती करने से पहले उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. गौरतलब है कि पिछले साल केदारनाथ यात्रा के दौरान कई घोड़ों और खच्चरों की मौत हो गई थी. उसके बाद आरोप लगाया गया था कि घोड़ों और खच्चरों के मालिकों के ज्यादा काम लेने के कारण ये मौतें हुईं.