अब रेल में बगैर किसी उचित वजह के चेन पुलिंग करने वालों की खैर नहीं है. दिल्ली की मंडल रेल प्रंबधक (डीआरएम) डिम्पी गर्ग ने अनाधिकृत रूप से चेन पुलिंग करने वालों के खिलाफ अभियान तेज करने की चेतावनी दी है. इतना ही नहीं डीआरएम ऑफिस की ओर से जारी की गई के अनुसार, जनवरी में ऐसे 510 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए जिन्होंने चेन पुलिंग की थी. उन पर रेल अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही की गई. इनमें से 242 व्यक्तियों पर 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
इसके अलावा फरवरी में 20 तारीख तक इस तरह के 273 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 80 लोगों पर 47,300 रुपये का जुर्माना लगाया गया. डीआरएम गर्ग ने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों को ट्रेन पकड़नी है वह निर्धारित पर स्टेशन पहुंच जाएं और ट्रेन के प्रस्थान से पहले अपनी सीट ले लें.
क्या है चेन पुलिंग को लेकर नियम
बेवजह चेन पुलिंग करने पर रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ऐसा नहीं है कि यात्री चेन पुलिंग कर ही नहीं सकते. ऐसे में फिर चेन लगाने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा. लेकिन इसे केवल खास परिस्थितियों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. नियम के अनुसार, अगर आपका कोई सहयात्री जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे ज्यादा है वह स्टेशन पर छूट और ट्रेन चल दे तो आप चेन खींच सकते हैं. बच्चा छूटने की स्थिति में भी ऐसा किया जा सकता है. ट्रेन में आग लगने, अचानक किसी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने या फिर ट्रेन में चोरी-डकैती होने पर चेन खींची जा सकती है.
चेन पुलिंग से कैसे रुकती है ट्रेन
जो चेन डिब्बों में लगी होती है उसका कनेक्शन ट्रेन के मुख्य ब्रेक पाइप से होता है. इन पाइपों के बीच हवा का दबाव बना रहता है जिस ट्रेन अपनी गति से चलती रहती है. चेन खींचते ही ये हवा बाहर निकल जाती है और एयर प्रेशर कम होने के कारण ट्रेन धीमी होने लगती है. इसके बाद लोको पायलट ट्रेन को रोक देता है. ऐसा करने से पहले वह तीन बार हॉर्न भी बजाता है. अगर वह चाहे तो इसे नजरअंदाज करते हुए ट्रेन चलते भी रहने दे सकता है. हालांकि, ऐसा करने पर उसके खिलाफ जांच बैठ सकती है. जिस भी डिब्बे में चेन पुलिंग होती है वहां लगे इमरजेंसी फ्लैशर जलने लगते हैं जिससे रेल पुलिस को पता चल जाता है कि चेन किस डिब्बे में खींची गई है