ब्रिटेन में 4-डे वर्क वीक का सबसे लंबा ट्रायल चल रहा था. अब इसके नतीजे सामने आए हैं. इनके अनुसार, ये प्रयोग काफी सफल रहा है. मंगलवार को यह नतीजे जारी किए गए थे जिसमें बताया कि यह ट्रायल सफल रहा. इस ट्रायल में कुल 61 कंपनियां शामिल थीं जिनमें से अधिकांश ने इसे अपनाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि इन कंपनियों में काम करने वाले लोगों को अब केवल 4 दिन काम करना होगा और 3 दिन उनकी छुट्टी होगी. ब्रिटेन में पिछले साल जून में यह पायलेट प्रोजेक्ट शुरू हुआ था.
इस प्रोजेक्ट का संचालन फोर डे वीक ग्लोबल, फोर डे वीक यूके कैंपेन और ऑटोनॉमी ने किया था. इसमें अलग-अलग सेक्टर्स की 61 कंपनियों के करीब 3000 कर्मचारियों को शामिल किया गया था. इन कर्मचारियों से कहा गया कि आप 5 दिन में निपटाए जाने वाले काम 4 दिन में निपटा लें. इस प्रयोग पर न सिर्फ ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज बल्कि यूएस के बॉस्टन कॉलेज के विशेषज्ञों की भी करीबी नजर थी. बॉस्टन कॉलेज के रिसर्च प्रमुख प्रोफेसर जूलियट स्कोर ने कहा कि जैसी उम्मीद की जा रही थी इस ट्रायल के परिणाम वैसे ही आए हैं और कुछ संस्थानो के लिए यह सही हैं.
अधिकांश कंपनियां इसके पक्ष में
इस ट्रायल में हिस्सा लेने वाली अधिकांश कंपनियां इस ट्रायल को नियमित करने के पक्ष में हैं. 91 फीसदी कंपनियों ने कहा है कि वह इस वर्क वीक को आगे जारी रखेंगी. वहीं, 4 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वह इसके पक्ष में नहीं हैं. कंपनियों ने ट्रायल को अपने अनुभव के आधार पर 10 में से 8.5 अंक दिए. बिजनेस प्रोडक्टिविटी के मामले में 10 में से 7.5 अंक दिए गए. कंपनियों की कमाई के मामले में भी इस नया वर्क सही बैठा. पिछले साल की समान अवधि की तुलना कंपनियों का राजस्व 35 फीसदी अधिक रहा.
कौन-कौन से सेक्टर्स हुए शामिल
4-डे वर्क वीक के ट्रायल में अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों को शामिल किया गया था. इसमें बैंकिंग, मार्केंटिंग, रिेटेल और फाइनेंस समेत मुख्य क्षेत्रों की कंपनियां शामिल थीं. ट्रायल के दौरान देखा गया कि कर्मचारियों की हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में गिरावट आई. लोगों का मानना है कि अगल 4 दिन का वर्क वीक लागू कर दिया जाता है तो इससे लोग अधिक प्रोडक्टिव होंगे जिसका फायदा कंपनियों को होगा.