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बैंक FD से कहीं ज्यादा रिटर्न मिलता है यहां, लेकिन गारंटी एक पैसे की भी नहीं, कंपनी डूबी तो समझो सब गया

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ महीनों में ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी की है, इसकी वजह से कई बैक एफडी समेत अन्य बचत योजनाओं पर ज्यादा इंटरेस्ट दे रहे हैं. इस दौड़ में कुछ बैंक सरकारी बैंकों से आगे बढ़कर 8 से 9 फीसदी तक ब्याज ऑफर कर रहे हैं. इस वजह से लोग कंपनी या कॉरपोरेट एफडी में ज्यादा निवेश करना पसंद कर रहे हैं. लेकिन इसके कुछ जोखिम भी होते हैं. आइये जानते हैं कॉरपोरेट एफडी से जुड़ी जरूरी जानकारी…

चूंकि सरकारी और प्राइवेट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में कॉरपोरेट एफडी में ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है. इसलिए इसमें जोखिम का स्तर भी उच्च होता है. इसका सबसे बड़ा कारण क्रेडिट गारंटी का नहीं होना है

कॉरपोरेट या कंपनी एफडी ज्यादातर नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी जारी करती हैं. लेकिन इनमें क्रेडिट गारंटी नहीं होती है इसलिए इनमें निवेश करने से पहले संबंधित कंपनी की रेटिंग के बारे में अच्छे से पता करना चाहिए.

कॉरपोरेट या कंपनी एफडी ज्यादातर नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी जारी करती हैं. लेकिन इनमें क्रेडिट गारंटी नहीं होती है इसलिए इनमें निवेश करने से पहले संबंधित कंपनी की रेटिंग के बारे में अच्छे से पता करना चाहिए.

दरअसल कंपनियों को बिजनेस के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है इसलिए वे बैंकों, इक्विटी इन्वेस्टरों या फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में पब्लिक से फंड जुटा सकते हैं और आरबीआई इसकी अनुमति देता है. इसलिए ये कंपनी पैसा जुटाने के लिए एफडी पर ज्यादा ब्याज की पेशकश करती हैं.