भारत में पहली बार ट्रेन के कोच बनाने के लिए एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया जाएगा. यह प्रयोग देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत (Vande Bharat Aluminium Coach) के साथ किया जाएगा. इस ट्रेन की मौजूदा अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है. एल्यूमीनियम से ट्रेन बनने के बाद स्पीड में करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे के इजाफे की उम्मीद जताई जा रही है. इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के पूर्व जीएम और वंदे भारत के निर्माता सुधांशु मणि ने कहा है कि ये भारतीय रेल के इतिहास में यह बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है.
अभी तक देश में ट्रेनों का निर्माण स्टेनलैस स्टील से किया जाता है और ट्रेनें भारी बनती थीं. एल्युमीनियम का घनत्व (डेन्सिटी) स्टील से कम होता है, इसलिए ट्रेन का वजन भी कम होगा. इससे ट्रेन को कम ऊर्जा में ही अधिक तेजी से दौड़ाया जा सकेगा. यानी एल्युमीनियम के इस्तेमाल से ट्रेन तो तेज भागेगी ही, साथ में एनर्जी की खपत भी कम होगी. भारतीय रेलवे ऐसी 100 ट्रेन बनाने की तैयारी में है. इसके लिए निजी कंपनियों को ठेका दिया जाएगा. 2 कंपनियों ने इसमें रूचि दिखाई है और जल्द ही इनमें से किसी एक को ट्रेन बनाने का कॉन्ट्रेक्ट मिल जाएगा. गौरतलब है कि एल्युमीनियम से ट्रेन कोच बनाने का खर्च पहले से ज्यादा होगा.
कौन सी हैं 2 कंपनियां
ट्रेन बनाने में रूचि दिखाने वाली कंपनियों में से एक भारतीय है जिसका नाम मेधा सर्वो ड्राइव्स है जो स्विस कंपनी स्टेडलर के साथ मिलकर ट्रेन बनाएगी. वहीं, दूसरी फ्रांस की एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी एल्सटोम है. यह पहले से दिल्ली मेट्रो के लिए कोच का निर्माण कर रही है. संभव है कि ये सारी ही ट्रेनें या फिर इनमें से कुछ स्लीपर कोच के साथ बनाई जाएंगी. अभी वंदे भारत बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं करती है. हालांकि, आने वाले समय में इसे लंबी दूरी के लिए चलाने की योजना है और उसके लिए स्लीपर कोच की जरूरत होगी. दोनों कंपनियों ने इसके लिए करीब 30000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है.
Another video: Vande Bharat Express train at speed of 180 Kmph.
(Kota-Nagda section) pic.twitter.com/kMhVf96LUB
— Anshul Saxena (@AskAnshul) February 6, 2023