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वंदेभारत ट्रेन के कोच टाटा स्‍टील बना रहा है! क्‍या है सच्‍चाई, जानें रेलवे का जवाब

सेमी हाईस्‍पीड ट्रेन यानी वंदेभारत यात्रियों को खूब पसंद आ रही है. यही वजह है कि रेलवे मंत्रालय द्वारा वंदेभारत ट्रेनों का प्रोडक्‍शन लगातार बढ़ाया जा रहा है. अगले दो साल में 200 वंदेभारत ट्रेनों का प्रोडक्‍शन करने का लक्ष्‍य रखा गया है. इसी संबंध में मीडिया में एक खबर चल रही है कि वंदेभारत ट्रेन के कोच बनाने का कांट्रैक्‍ट टाटा स्‍टील को दिया गया है. इस संबंध में सच्‍चाई क्‍या है, स्‍वयं रेलवे मंत्रालय ने जवाब दिया है.

रेलवे मंत्रालय के अनुसार वंदेभारत ट्रेनों का प्रोडक्‍शन बहुत तेजी से चल रहा है. लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए ट्रेन के कुछ पार्ट्स का कांट्रैक्‍ट कई कंपनियों को दिया गया है. कोच की सीट और अंदर की दीवार बनाने को काम भी अलग-अलग कंपनियों को दिया गया है. इनमें से एक कंपनी टाटा स्‍टील है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार टाटा को सब-कांट्रैक्‍ट नहीं दिया है, उसे इन दोनों पार्ट्स के प्रोडक्‍शन के लिए डायरेक्‍ट कांट्रैक्‍ट दिया गया है.

मौजूदा समय रेलवे ने 200 स्‍लीपर वंदेभारत ट्रेनों का टेंडर जारी कर दिया है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार काम आवार्ड होने के 24 माह यानी दो साल में स्‍लीपर वंदेभारत ट्रेन तैयार हो जाएंगी. इस तरह वर्ष 2025 में स्‍लीपर वंदेभारत ट्रेन से यात्री सफर कर सकेंगे.

इन रूटों पर चल रही हैं वंदेभारत

देश की पहली वंदे भारत ट्रेन सबसे नई दिल्‍ली से भगवान शिव की नगरी काशी के बीच चली. यह ट्रेन फरवरी 2019 में चलाई गयी है. वहीं, दूसरी ट्रेन को भी धार्मिक नगरी से जोड़ा गया और यह ट्रेन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी कटरा के बीच चली. तीसरी गांधीनगर से मुंबई के बीच चलाई गयी, चौथी नई दिल्ली से अंब अंदौरा स्टेशन हिमाचल के बीच शुरू की गयी. पांचवीं वंदेभारत को चेन्‍नई से मैसूर के बीच चलाया गया. छठीं वंदेभारत नागपुर से बिलासपुर के बीच चली. इसी तरह सातवीं वंदेभारत ट्रेन हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी और आठवीं वंदेभारत सिकंदराबाद से विशाखपट्टनम के बीच शुरू की गयी. हाल ही में मुंबई से शिर्डी और मुंबई से सोलापुर के लिए वंदेभारत शुरू हो चुकी है.