छत्तीसगढ़

नवोदय विद्यालय कबीरधाम में चल रहा बेटियों के लिए विज्ञान ज्योति कार्यक्रम

जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय को भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा संचालित विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के लिए चुना गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ‘ स्टेम’ एजुकेशन में देश की बालिकाओं को सुविधा देकर उन्हें विज्ञान,टेक्नोलॉजी,इंजीनियरिंग और मैथ्स के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है।

जवाहर नवोदय विद्यालय कबीरधाम और शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल उडियाकला की कुल पचास बालिकाओं को विज्ञान ज्योति स्कोल्सर के लिए चुना गया था। सभी बालिकाओं को 12000 रुपए छात्रवृति दी जा रही है। नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लगभग 8000 रुपए की गुणात्मक पुस्तकें दी जा रही है। नवोदय विद्यालय समिति के एलन कोटा कोचिंग से विशेष अनुबंध के तहत कक्षा १२ वी की बालिकाओं को साल भर नीट की कोचिंग और नोट्स भी प्रदान किए गए।

इस कार्यक्रम के तहत सभी 50 बालिकाओं को साइंस सेण्टर रायपुर भ्रमण पर ले जाया गया था। साथ ही देश के नामी वैज्ञानिक , प्रोफेसर , कौंसलर से बालिकाओं की सीधे वार्तालाप करवाकर उनका मार्गदर्शन किया जा रहा है।

कक्षा दसवीं की ५० बालिकाओं को भी विज्ञान ज्योति कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। इन्हे भी वर्ष भर विज्ञान ,तकनिकी और गणित के अनेकों राष्ट्रिय विशषज्ञों द्वारा सीधे ट्रेनिंग दी गयी। विज्ञान जोति द्वारा मुफ्त में प्रदान साइंस किट के द्वारा खेल खेल में इन बालिकाओं को विज्ञानं के कई कांसेप्ट समझाए गए।

रोल मॉडल टॉक के तहत छिंदवाड़ा की आईएएस अफसर श्री मति शीतला पटले, IIT पटना के असोसिएट प्रोफेसर डॉ अमित वर्मा , एनआईटी राउरकेला के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ सिद्धार्थ देशमुख का कार्यक्रम काफी सराहनीय रहा। आईआईएएसईआर तिरुअंतपुरम के स्कॉलर प्रेमानंद कृशे द्वारा बालिकाओं को अनुसन्धान के क्षेत्र में जाने के लिए बहुत ही सारगर्भित सेशन दिया गया। आगामी दिनों में अटल टिंकरिंग एक्टिविटी के तहत विज्ञान के कई उपकरणों की लाइव जानकारी का सेशन आयोजित किया जा रहा है। बालिकाओं को छत्तीसगढ़ के एकमात्र फिशरीज कॉलेज में व्यावसायिक कोर्स की जानकारी देने के लिए उन्हें जल्द ही ले जाया जाएगा।

जवाहर नवोदय विद्यालय ले प्राचार्य श्री प्रभाकर झा, वाईस प्रिंसिपल श्री श्रीवास्तव और विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर श्री संतोष कुमार बिसेन ने बताया कि यह प्रोग्राम आगे भी जारी रहेगा और इससे कई बालिकाओं को निर्णायक लाभ मिलेगा।

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