किडनी यानि गुर्दे हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग है और वे शरीर में बहुत जरूरी काम करते हैं. किडनियां शरीर में बने बाय-प्रोडक्ट्स, जरूरत से ज्यादा पानी और खून में मौजूद कई प्रकार के संक्रामक तत्वों को को बाहर निकाल देती हैं. किडनी के बाय-प्रोडक्ट्स को ब्लैडर (मूत्राशय) में भेजती है, जहां से इन्हें यूरिन यानि पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है. इसके अलावा किडनी शरीर में पीएच, नमक और पौटेशियम के स्तर को भी संतुलित बनाए रखती हैं. इसके साथ ही किडनी कई प्रकार के कैमिकल्स भी बनाती हैं, जो नाड़ी (पल्स) और हीमोग्लोबिन के विकास को नियन्त्रित करते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो किडनी शरीर में विटामिन-डी का सही संतुलन बनाए रखने के लिए भी काम करती है, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद कर हड्डियों और मांसपेशियों की क्षमता को बनाए रखता है. ऐसे में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए किडनी का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है. किडनी अगर ठीक से काम कर रही है, तो ये शरीर से बेकार चीजों को ठीक से बाहर निकाल पाती हैं और ऐसे कैमिकल्स बनाती हैं जो शरीर को अपना काम ठीक से करने में मदद करते हैं.
पथरी नहीं ये 3 बीमारियां पहुंचाती हैं नुकसान
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनोज अरोड़ा कहते हैं कि किडनी में स्टोन होना आम है लेकिन अगर पथरी भी लंबे समय तक रहे तो वह नुकसानदेह होती है. हालांकि 3 वजहें या बीमारियां हैं जो स्वस्थ किडनी में रोग पैदा करने का काम करती हैं और किडनी को डायलिसिस तक ले जाती हैं. पहली बीमारी है डायबिटीज या ब्लड शुगर. जब खून में ग्लूकोज का उपयोग ठीक से नहीं होता, तब किडनी को इसे फिल्टर करने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है. ऐसा अगर सालों तक चलता रहे तो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और किडनी फंक्शन गड़बढ़ हो जाता है.
दूसरी बीमारी है ब्लड प्रेशर. बीपी के ज्यादा होने से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है. ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अगर इससे होने वाली बीमारियां जैसे दिल की बीमारियां, ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल होता है तो इनका भी किडनी पर बुरा असर पड़ता है. ब्लड प्रेशन बढ़ना किडनी रोगों का संकेत भी हो सकता है