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सोना 60 हजार पार! आजादी के बाद लगे ‘पंख’, 1947 तक तो दिल्‍ली-मुंबई एयर टिकट में आ जाता 1 किलो Gold

चमचमाते सोने की चमक किसे नहीं पसंद है. लोगों की इसी पसंद ने तो सोने की चमक बढ़ा रखी है. लेकिन अब यह चमक चकाचौंध में बदलने लगी है, जो लोगों से देखी नहीं जा रही. महंगाई ने सोने के लिए सुहाग का काम किया और सोना भी तपकर कुंदन जितना महंगा हो गया. इसी सप्‍ताह सोने का भाव (Gold Rate) 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है. बहुत ज्‍यादा नहीं भारत के आजाद होने तक सोने की कीमत इतनी थी कि आपको यकीन नहीं होगा. महज 75 साल में सोने का भाव कई सौ गुना बढ़ गया है.

गोल्‍ड रेट एक्‍सचेंज (Gold Rate) पर नजर डालें तो आजादी के बाद मानों सोने को पंख लग गए. आजाद भारत का बाजार खुलते ही लोग चमचमाते सोने को खरीदने दौड़ पड़े. सरकार ने भी अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत बनाने के लिए सोना खरीदना शुरू किया, जिससे इसकी कीमत ताबड़तोड़ बढ़नी शुरू हो गई. भारत आज दुनिया के सबसे बड़े सोना आयतक देशों में शामिल है.

80 साल में 1300 गुना बढ़ा दाम
भारत के आजाद होने से भी 5 साल पहले जब क्रांतिकारियों ने भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में आखिरी बिगुल फूंका तो सोने की कीमत महज 44 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. इसका मतलब हुआ कि साल 1942 में सोना 44 रुपये में 10 ग्राम था. इसके 5 साल बाद यानी जब देश आजाद हुआ, 1947 में 10 ग्राम सोने का भाव करीब दोगुना होकर 88.62 रुपये पहुंच गया. इस हिसाब से देखें तो आजादी के समय आज दिल्‍ली-मुंबई फ्लाइट से आने-जाने के खर्च में 1 किलोग्राम सोना आ जाता. एयर इंडिया से अभी दिल्‍ली-मुंबई का इकॉनमी किराया 4,426 रुपये है. यानी आने-जाने की टिकट करीब 8,852 रुपये में आएगी. उस समय 10 ग्राम सोने का भाव 88.62 रुपये तो 100 ग्राम की कीमत 886.2 रुपये थी. इस हिसाब तो 1 किलोग्राम सोना महज 8,862 रुपये में मिल जाता.

उदारीकरण के बाद टूट पड़े लोग
ऐसा नहीं है कि सोना आजादी के बाद से बहुत ज्‍यादा महंगा हुआ. साल 1970 तक 10 ग्राम सोने की कीमत बढ़कर महज 184 रुपये तक पहुंची. हां, अगले 10 साल में 1980 तक यह 1,330 रुपये और उसके अगले 10 साल 1990 तक 3,200 रुपये जा पहुंची. साल 2000 से 2010 तक सोने का भाव 4,400 रुपये से 18,500 रुपये प्रति 10 के बीच रहा. ताजा भाव देखें तो 20 मार्च, 2023 को एमसीएक्‍स पर सोने की कीमत 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव को भी पार कर चुकी है.

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