मोदी सरकार देश में लॉजिस्टिक लागत (Logistics Cost) को साल 2024 तक 9 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा है. मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने कहा, ‘देश के उद्योग और कारोबार के समक्ष लॉजिस्टिक की ऊंची लागत बड़ी चुनौती है. अभी यह 16 प्रतिशत है. हमने इसे 2024 के अंत तक नौ प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है.’ बता दें कि देश में माल परिवहन (Goods Transporting) की लागत कम करने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) नई राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति (New Logistics Policy) ले कर आई है. इसका मकसद उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के साथ-साथ माल ढुलाई की लागत को कम करना है.
नितिन गडकरी ने कहा है कि नई नीति लाने का मकसद है कि जीडीपी के मौजूदा 16 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत के नीचे तक लाना और रोजगार पैदा करना. माल भाड़ा कम होगा तो उसका सीधा असर सभी वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ेगा और कीमतें कम होंगी. मोदी सरकार देश में लॉजिस्टिक लागत को कम कर चीन, अमेरिका और यूरोपियों देशों की बराबरी करने के लिए यह नई नीति लाई गई है.
नई नीति लाने का ये है मकसद
इसके लिए मोदी सरकार जलमार्ग, रेलवे, सड़क के बाद अब हवाई मार्ग को भी लोकप्रिय साधन बनाने के दिशा में काम कर रही है. मोदी सरकार अगले पांच सालों में देश के कई शहरों में हवाई सेवा और एयरपोर्ट विकसित कर रही है. माल ढुलाई के लिए अब एयर कार्गो की लागत को भी कम करने की कवायद चल रही है.
राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय की क्या होगी भूमिका
देश में अभी लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 16 फीसदी है. चीन में यह 10 फीसदी और अमेरिका और यूरोप में 8 फीसदी है. आने वाले दिनों में पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के साथ-साथ नागरिक उड्यन मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय की भूमिका अहम होने वाली है.