भारतीय में उत्पादन गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं. एसएंडपी द्वारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए जारी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में अपने तीन माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. देश का मैन्युफैक्चरिंग PMI इस दौरान 56.4 रहा. यह पिछले महीने यानी फरवरी में 55.3 था. आम धारणा के अनुसार, अगर पीएमआई 50 से ऊपर है तो उत्पादन गतिविधियां बढ़ रही हैं और उसे नीचे है तो इनमें सिकुड़न आ रही है.
यह लगातार 21वीं बार है जब भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 से अधिक रहा है. एसएंडपी ग्लोबल ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा है, “बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. फैक्ट्री को मिले ऑर्डर्स और उत्पादन अपने 3 माह के सबसे ऊपरी स्तर पर हैं.”
भारतीय सामान की मांग बढ़ी
भारतीय उत्पादों की मांग विदेशों में काफी बढ़ गई और मार्च में नए ऑर्डर्स में उछाल देखने को मिला. हालांकि, अगर ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो मांग में यह तेजी कोई बहुत अधिक नहीं थी. कंपनी का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आने से नीति निर्मताओं को थोड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, पिछले कुछ समय से उत्पादन क्षेत्र में विस्तार हो रहा था लेकिन बहुत बड़ा अंतर देखने को नहीं मिल रहा था. वहीं, दूसरी ओर सेवा क्षेत्र में जबरदस्त तेजी देखी जा रही थी. फरवरी में सर्विस पीएमआई 59.4 के साथ 12 साल के अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था.