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10 सेकेंड से ज्यादा लगे Toll Plaza पर टाइम, तो नहीं देना पड़ेगा टैक्स, क्या हैं NHAI के नियम

ऐसे तो एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हर वाहन को टोल प्लाजा पर टैक्स देना पड़ता है. लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) ने कुछ ऐसे नियम बनाए हैं जिनके चलते आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. दरअसल, कुछ समय पहले तक टोल प्लाजा पर काफी भीड़ लग जाती थी, और लोगों को प्लाजा पार करने में काफी परेशानी होती थी. इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने फास्टैग (Fashtag) व्यवस्था को शुरू कर दिया था. इसके अलावा NHAI के निर्देशानुसार सभी टोल प्लाजा पर प्रति व्हीकल सर्विस टाइम 10 सेकेंड से अधिक नहीं होना चाहिए. यह नियम पीक आवर्स में भी लागू रहेगा.

यानी अगर किसी वाहन को 10 सेकेंड से ज्यादा टोल पर रोका जाता है या इससे ज्यादा सर्विस टाइम होता है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होता. सर्विस टाइम का मतलब है वह समय जितने में टोल टैक्स को वसूल करके कार को प्लाजा से आगे जाने दिया जाएगा. चलिए जानते हैं इस नियम के बारे में डिटेल में…

जानिए क्या कहता है नियम
मई 2021 के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों यानी नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर अगर किसी वाहन को टोल कटाकर आगे जाने में 10 सेकंड से ज्यादा का वेटिंग टाइम लगता है तो वह बिना टोल टैक्स दिए जा सकता है. इसके अलावा, टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर से अधिक लंबी कतार होगी तो वाहनों को टोल बूथ के 100 मीटर के दायरे में कतार आने तक बिना टोल चुकाए गुजरने दिया जाएगा. एनएचएआई के अनुसार, हर टोल बूथ से 100 मीटर के डिस्टेंस पर पीली पट्टी बनी होनी चाहिए. यदि किसी टोल पर फिर भी 100 मीटर से ज्यादा लंबी लाइन है. बिना टोल दिए वाहन आगे बढ़ सकेंगे. बता दें कि फरवरी 2021 से टोल पर 100 प्रतिशत कैशलेस लेन देन को लागू कर दिया गया है.

बेहतर सर्विस के लिए बनाएं नियम
लोगों को प्लाजा पार करने में काफी परेशानी होती थी जिसके चलते केंद्र सरकार ने फासटैग (Fashtag) व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया. इस संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कई नियम बनाए, जिनका उद्देश्य फासटैग व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू करना था. Fashtag व्यवस्था से दो खास बातें हुईं, एक तो टोल टैक्स कलेक्शन बढ़ गया और दूसरा टोल प्लाजा पर भीड़ लगनी कम हो गई. फास्टैग अनिवार्य होने के बाद टैक्स इसके जरिए ही लिया जाता है.