अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) की प्रमुख ने विश्व अर्थव्यवस्था की वर्ष 2023 में वृद्धि दर 3 फीसदी से भी कम रहने की आशंका जताते हुए गुरुवार को इससे वैश्विक स्तर पर भूख और गरीबी के जोखिम बढ़ रहे हैं.
आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने कहा कि वैश्विक वृद्धि दर के अगले 5 सालों में लगभग 3 फीसदी ही रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा, ‘यह 1990 के बाद से हमारा मध्यम अवधि का सबसे कम वृद्धि पूर्वानुमान है. धीमी वृद्धि एक गंभीर झटका होगा, जिससे कम आय वाले देशों के लिए कठिनाई बढ़ जाएगी.”
दुनिया पर मंडरा रहा ‘गरीबी और भूख’ बढ़ने का खतरा
वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले साल 3.4 फीसदी रही है. जॉर्जीवा ने यह चेतावनी भी दी कि वैश्विक वृद्धि के सुस्त पड़ने से गरीबी और भुखमरी बढ़ सकती है, जो कोविड संकट के कारण पहले ही चुनौती बनी हुई है. उन्होंने इसे एक खतरनाक प्रवृत्ति बताया.
अगले हफ्ते होने वाली है आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की बैठक
उनकी यह टिप्पणी आईएमएफ और विश्व बैंक की वाशिंगटन में अगले सप्ताह होने वाली सालाना स्प्रिंग मीटिंग से पहले आई है.