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Opinion: ऐसे ही नहीं कोई ग्लोबल लीडर्स की रैंकिंग में नंबर वन बनता है

भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “हमने राष्ट्र प्रथम के मंत्र को अपना आदर्श बनाया है। हमारा समर्पण है मां भारती को, हमारा समर्पण है देश के कोटि-कोटि जनों को, हमारा समर्पण है देश के संविधान को।“ इसी समर्पण के कारण ही आज प्रधानमंत्री मोदी ना केवल भारत बल्कि दुनिया के मानचित्र में भी सबसे प्रभावशाली नेता के तौर पर स्थापित हो चुके हैं।

अभी कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग लिस्ट में प्रथम स्थान मिला है। रेटिंग में दुनियाभर के लोगों ने उन्हें दुनिया का सबसे बेहतर और लोकप्रिय ग्लोबल लीडर माना है। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनियाभर के 22 बड़े दिग्गज नेताओं को छोड़ा पीछे छोड़ दिया है। इस सूची में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 41% वोट के साथ 7वें स्थान पर रहे हैं, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को 34 प्रतिशत वोट मिले हैं। वह 13वें स्थान पर हैं। वहीं इस रेटिंग में दूसरे स्थान पर मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर हैं, जिन्हें 61% वोट मिले हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज 55% वोट के साथ तीसरे स्थान पर हैं। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति अलेन बरसेत 53% वोट के साथ चौथे स्थान पर हैं। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी 49% वोट के साथ लिस्ट में 5वें स्थान पर हैं जो कुछ ही दिन पहले भारत आयी थी और उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी की टॉप रैंकिंग का जिक्र भी किया था।

इससे पहले फ़रवरी 2023 में भी जारी रैंकिंग में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता थे। नवम्बर 2022 में मॉर्निंग कंसर्ल्‍ट की ओर से विश्‍व नेताओं की लोकप्रियता के बारे में जारी रेटिंग में भी प्रधानमंत्री मोदी सबसे ऊपर थे। खास बात ये है कि अगस्त 2022, जनवरी 2022 और नवम्बर 2021 में भी मॉर्निंग कंसर्ल्‍ट के सर्वे में मोदी अव्वल थे। अगर देश की बात करें तो सीडीएससी के आंकड़ो के मुताबिक 2009 में नरेंद्र मोदी देश में 2% प्रतिशत लोकप्रिय थे। 2014 में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश में बढ़कर 35% हो गयी तो 2019 में ये और बढ़कर 47% तक पहुँच गयी।

प्रश्न ये है कि आखिर मोदी लगातार कैसे रैंकिंग के किंग बने हुए हैं। दरअसल आम जनमानस में प्रधानमंत्री मोदी की इमेज आज विकास और विश्वास का प्रतीक बन चुकी है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी ने सबका साथ-सबका विकास के मूलमन्त्र को अपनी सरकार का ध्येय बनाया। 2019 में एक बार फिर जनआशीर्वाद पाने के बाद से मोदी ने इस नारे में “सबका विश्वास” भी जोड़ा और अब इसमें “सबका प्रयास” भी शामिल कर लिया है। बकौल प्रधानमंत्री मोदी “सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को हमने हमेशा अपने हृदय और कार्यशैली में सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सामाजिक न्याय हमारे लिए राजनीतिक नारेबाजी का हिस्सा नहीं बल्कि हमारे लिए Article of Faith है।“ और इसी सामाजिक न्याय और हर वर्ग को सशक्तिकरण करने की कार्यशैली के चलते मोदी आमजनमानस के दिलों में छाये हुए हैं, फिर चाहें वो युवा हों या बुजुर्ग, किसान हो या कार्मिक, अनुसूचित जाति हों या जनजाति या फिर आधी आबादी महिलाएं।