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कोविड मरीजों में हो रही ऑक्‍सीजन की कमी, क्‍या डेल्‍टा की तरह घातक होने जा रहा XBB सब वेरिएंट

कोरोना एक बार फिर खतरनाक हालात पैदा करता दिखाई दे रहा है. दो दिनों से भारत में लगातार 6 हजार से ज्‍यादा कोरोनावायरस के मरीज रोजाना सामने आ रहे हैं. वहीं सबसे बड़ी चिंता वाली बात है कि इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों में ऑक्‍सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है, जो कि भारत में इससे पहले आई ओमिक्रोन सब वेरिएंट्स की तीसरी या चौथी लहरों में नहीं दिखाई दी थी. लिहाजा सबसे बड़ा सवाल है कि क्‍या इस बार लोगों को सबसे ज्‍यादा संक्रमित कर रहा कोरोना का एक्‍सबीबी 1.16 वेरिएंट कोविड के सबसे खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट की तरह घातक होने जा रहा है?

दिल्‍ली के 3 बड़े अस्‍पतालों लोक नायक जय प्रकाश अस्‍पताल, राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल और सफदरजंग अस्‍पताल में कोरोना के मरीज भर्ती हैं, गौरतलब है कि ये सभी मरीज ऑक्‍सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, ऐसे में कोरोना मरीजों को पड़ रही ऑक्‍सीजन की जरूरत क्‍या कोरोना के खतरनाक रूप का संकेत है?

ऑक्‍सीजन की वजह कोविड नहीं!
दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में भर्ती दो मरीजों को लेकर रेस्पिरेटरी विभाग के प्रो. नीरज गुप्‍ता बताते हैं कि अस्‍पताल में 90 साल से ऊपर की दो मरीज भर्ती हैं. इनमें से एक महिला स्‍ट्रोक संबंधी बीमारी की वजह से ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं, वहीं दूसरी महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. हालांकि ऐसा कोविड, रेस्पिरेटरी प्रॉब्‍लम-लंग इंफेक्‍शन या सीवियर निमोनिया की वजह से नहीं है बल्कि उम्र ज्‍यादा होने की वजह से है.

कोरोना में ऑक्‍सीजन की कमी को लेकर हो रही स्‍टडी
वहीं दिल्‍ली एलएनजेपी अस्‍पताल के मेडिकल डायरेक्‍टर डॉ. सुरेश कुमार बताते हैं कि शनिवार को अस्‍पताल में कोरोना के 12 मरीज भर्ती हैं. इनमें से 8 मरीज कोविड पॉजिटिव तो हैं लेकिन किसी अन्‍य गंभीर बीमारी की वजह से आईसीयू या ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्‍हें पल्‍मोनरी या रेस्पिरेटरी संबंधी कोई परेशानी नहीं है लेकिन बाकी बचे हुए 4 कोविड पॉजिटिव मरीज कोरोना वायरस की वजह से ही ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं. इन चार मरीजों को पहले से कोई बीमारी नहीं है, ये जब से कोविड पॉजिटिव हुए हैं, इन्‍हें ऑक्‍सीजन की कमी हुई है. इस संबंध में मरीजों की स्‍टडी की जा रही है कि क्‍या इस बार कोरोना मरीजों को संक्रमण के बाद ऑक्‍सीजन की जरूरत पड़ रही है.