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कैसा रहेगा देश में मॉनसून, कम या ज्यादा बारिश… जानिए ‘अल नीनो’ पर क्या है एक्सपर्ट की राय

भारत में मॉनसून के सामान्य रहने के भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुमान के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि ‘ला नीना’ के बाद ‘अल नीनो’ साल में बारिश में खासी कमी होती है. लगातार तीन बार ‘ला नीना’ के प्रभाव के बाद इस साल ‘अल नीनो’ की स्थिति बनेगी. ‘ला नीना’ की स्थिति ‘अल नीनो’ से विपरीत होती है. ‘ला नीना’ स्थिति के दौरान आमतौर पर मॉनसून के मौसम में अच्छी बारिश होती है.

आईएमडी ने मंगलवार को अपने अनुमान में कहा था कि ‘अल नीनो’ की स्थिति बनने के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. ऐसी स्थिति से कृषि क्षेत्र को खासी राहत मिलेगी. मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने मॉनसून के दौरान देश में ‘सामान्य से कम’ बारिश होने का अनुमान जताया है.

आईआईटी बंबई और मैरीलैंड विश्वविद्यालय में अध्यापन करने वाले प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे ने कहा था कि 60 प्रतिशत ‘अल नीनो’ साल में जून-सितंबर के दौरान ‘सामान्य से कम’ बारिश दर्ज की गई है, लेकिन विश्लेषण से पता चलता है कि ‘ला नीना’ साल के बाद आने वाले ‘अल नीनो’ साल में मॉनसून के दौरान बारिश की कमी की प्रवृत्ति रहती है’

आईएमडी के अनुसार ‘अल नीनो’ की स्थिति के जुलाई के आसपास विकसित होने की उम्मीद है और इसका प्रभाव मॉनसूनी मौसम के दूसरे हिस्से में महसूस किया जा सकता है. आईएमडी ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) की स्थिति उत्पन्न होने की उम्मीद है और उत्तरी गोलार्ध तथा यूरेशिया पर बर्फ का आवरण भी दिसंबर 2022 से मार्च 2023 तक सामान्य से कम था