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अरहर और उड़द दाल के भाव में अब आएगी नरमी! मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

अरहर और उड़द दाल की बढ़ती कीमतों (Arhar and Urad Pulses Prices) के बीच केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की एक टीम अरहर और उड़द दाल की कालाबाजारी को लेकर देश के 4 राज्यों के 10 स्थानों का दौरा किया है. इस टीम ने गोदामों में अरहर और उड़द दाल के स्टॉक की बड़े पैमाने पर जमाखोरी का पता लगाया है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित एक टीम द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया. इस अभियान के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में अरहर और उड़द दाल की कीमतों में कुछ कमी आ जाए.

पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने अरहर दाल के स्टॉक पर नजर रखने और होर्डिंग के बाजार में अरहर दाल की कमी करने वालों की पहचान कर कार्रवाई करने के लिए सरकार ने कमिटी बनाने का फैसला किया था. सरकार को ये इनपुट मिला था कि पर्याप्त मात्रा में अरहर दालों के इंपोर्ट के बावजूद स्टॉक को बाजार में जारी नहीं किया जा रहा है. होर्डिंग के जरिए बाजार में जानबूझकर अरहर दालों की कमी बनाने की कोशिश की जा रही है. होर्डिंग के चलते ही अरहर दाल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है.

अरहर और उड़द दाल को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार
उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने देश के प्रमुख दाल बाजारों का दौरा किया और विभिन्न बाजारों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.बाजार के जमीनी स्तर के प्रतिनिधि और राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत से पता चला कि जहां ई-पोर्टल पर पंजीकरण और भंडार के बारे में सूचना प्रदान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं बड़ी संख्या में बाज़ार प्रतिनिधियों ने या तो पंजीकरण नहीं कराया है या नियमित आधार पर अपने भंडार की स्थिति को अपडेट करने में विफल रहे हैं.

इन जगहों पर की गई छापेमारी
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंदौर, चेन्नई, सेलम, मुंबई, अकोला, लातूर, शोलापुर, कालबुर्गी, जबलपुर और कटनी जैसे विभिन्न स्थानों का दौरा किया और राज्य सरकारों, मिलर मालिकों, व्यापारियों, आयातकों तथा बंदरगाह प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ व्यापारियों के संघों के साथ बातचीत तथा बैठक आयोजित की.