देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी (Severe Heat Wave) प्रकोप शुरू हो गया है. अप्रैल के मध्य में ही आसमान से मई-जून जैसी आग बरसने लगी है. ऐसे में केंद्र सरकार (Central Government) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कामगार मजदूरों के लिए गाइडलाइन (Guideline for the Laborers) जारी किया है. इस गाइडलाइंस के तहत मजदूरों को कई तरह की सुविधाएं जैसे काम में कटौती, मेडिकल सुविधा, पानी और वेंटिलेशन सहित कई अन्य सुविधाएं देने का जिक्र है. खासतौर पर फैक्ट्री, खदान मजदूरों, निर्माण श्रमिकों और ईंट-भट्ठा मजदूरों के लिए विशेष प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर मजदूरों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए प्रभावी उपाय करने को कहा है.
आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री के करीब पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर सहित यूपी और बिहार में पारा गर्मी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गर्मी के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से घबरा रहे हैं. ऐसे में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से लू और तेज गर्मी के प्रभाव से विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे कामगारों और मजदूरों को बचाने के प्रभावी एवं पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा है. केन्द्रीय श्रम सचिव आरती आहूजा ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं प्रशासकों को भेजे पत्र में जोर देते हुए कहा है कि ठेकेदारों , नियोक्तओं, निर्माण कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे कामगारों को लू और तेज गर्मी से बचाने के उपाय करने के निर्देश जारी किये जाएं.
भीषण गर्मी में मजदूरों को लेकर गाइडलाइंस
श्रम सचिव ने अपने पत्र में आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी एवं मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से अधिक तापमान को लेकर जारी चेतावनी का जिक्र किया है. इसके तहत राज्य सरकारों को रणनीतिक उपाय किये जाने को कहा है. इनमें कामगारों और निर्माण मजदूरों के काम के घंटों का पुनर्निधारण,कार्यस्थल पर पेयजल की समुचित व्यवस्था, आकस्मिक आइस पैक का प्रावधान और गर्मी से बीमार पड़ने पर तात्कालिक बचाव की वस्तुओं का इंतजाम करने की जरूरत पर जोर दिया गया है.
मजदूरों से ज्यादा काम नहीं करा सकते फैक्ट्री मालिक
पत्र में खदानों के प्रबंधन के निर्देश देते हुए खनिकों के आराम करने की जगह , पर्याप्त शीतल जल और कार्यस्थल पर इलेक्ट्रोलाइट अनुपूरक का इंतजाम करने को कहा गया है. अस्वस्थ महसूस करने पर श्रमिकों को धीमी गति से काम करने की अनुमति देने, श्रमिकों को दिन में कम गर्मी के समय श्रम साध्य कार्य करने,अत्यधिक गर्मी के दौरान काम करते समय एकसाथ दो श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति देने, भूमिगत खदानों में वेंटिलेशन सुनिश्चित करने और कामगारों को तेज गर्मी और उमस से होने वाले खतरे के प्रति आगाह करने तथा ऐसी स्थिति में बचाव के उपाय करने की जानकारी देने से संबंधित परामर्श भी पत्र में दिये गए हैं.