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पुंछ में हुआ आतंकी हमला क्या पाकिस्तान की सोची-समझी ‘नापाक’ साजिश थी

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुंछ (Poonch Terror Attack) में हुआ आतंकी हमला (terrorist ) महज एक आम आतंकी वारदात नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की सोची समझी बड़ी रणनीति का हिस्सा थी. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद होते सर्वांगीण विकास और बढ़ते अमन चैन से बौखलाए पाकिस्तान ने अपने आकाओं को खुश करने की उम्मीद में फिर एक बार जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की बड़ी साजिश रची. यह महज इत्तेफाक नहीं है कि जी-20 की श्रीनगर में 20 से 24 मई को अहम बैठक होगी और जब दुनिया के देश पर्यटन को लेकर बातचीत करेंगे और जम्मू कश्मीर के बदलते माहौल पर भी नजर होगी, ऐसे वक्त में कश्मीर को अशांत बताकर फिर एक बार कश्मीर का बेसुरा राग अलापने का मौका पाकिस्तान को मिलेगा.

इतना ही नहीं SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के शरीक होने के ऐलान के बाद ही जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बड़ा आतंकी हुआ, यह भी उसी साजिश का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान फिर एक बार अंतर्राष्ट्रीय मंच का का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए करेगा.

पुंछ हमला क्या महज इत्तेफाक है?
क्या यह भी इत्तेफाक हो सकता है कि 15 दिन पहले एलओसी पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ का दौरा होता है, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक होती है और फिर उसके बाद आईएसआई के साथ एक बड़ी साजिश रची जाती है और पुंछ में बड़ी आतंकी वारदात हो जाती है. यह भी कोई इत्तेफाक नहीं जब पाकिस्तान की कोर्ट में सरकार ने हलफनामा देकर यह बात कही कि मई के महीने में अशांति रहेगी इसलिए चुनाव तब मुनासिब नहीं. बड़ा सवाल यह है कि शहबाज सरकार को ये आशंका पहले ही कैसे हुई कि इसी वक्त में भारत आक्रामक मुद्रा में आ सकता है? तो क्या अपनी करतूतों के बाद भारत के पलटवार की आशंका पाक को लगातार सता रही थी?