दुनिया में मंदी की आशंका के बीच कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. खासकर आईटी सेक्टर की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. हालांकि बड़ी भारतीय आईटी कंपनियों ने छंटनी नहीं की है. परंतु, हायरिंग स्लो (IT Hiring) कर दी है. वित्त वर्ष 2023 में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में शीर्ष तीन भारतीय आईटी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस (Infosys) और एचसीएल टेक (HCL Tech) ने अपने साथ 65 फीसदी कम कर्मचारियों को जोड़ा है. इन तीनों कंपनियों ने जहां वित्त वर्ष 2022 में 1.97 लाख लोगों को नौकरी दी थी, वही वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा केवल 68,886 पर आ टिका. अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट और मंदी की आशंकाओं से कंपनियों ने कम हायरिंग की.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों की भर्ती को मांग के एक मुख्य संकेतक के रूप में देखा जाता है. वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में भी तीनों कंपनियों ने बहुत कम कर्मचारियों की भर्ती की. वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 की समान तिमाही में तीनों कंपनियों ने 98.7 फीसदी कम कर्मचारी अपने साथ जोड़े. टीसीएस, एचसीएल टेक और इंफोसिस ने चौथी तिमाही में केवल 884 कर्मचारियों की ही भर्ती की. वहीं, Fy22 की चौथी तिमाही में तीनों कंपनियों ने मिलकर 68,257 लोगों को रोजगार दिया था.
टीसीएस ने 22 हजार लोगों को दिया रोजगार
टीसीएस के मुख्य ह्यूमन रिसॉर्स ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने बताया कि वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने कुल 22,600 कर्मचारियों को काम पर रखा. वहीं, वित्त वर्ष 2022 में टीसीएस ने 1,03,546 लोग भर्ती किए थे.