प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 24 मई को सिडनी में ‘क्वाड’ समूह के शिखर सम्मेलन (Quad Summit) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तथा आस्ट्रेलिया और जापान (Japan) के अपने समकक्ष नेताओं के साथ हिस्सा लेंगे. बैठक में यूक्रेन संघर्ष और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सम्पूर्ण स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है. सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आस्ट्रेलिया की यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जापान के शहर हिरोशिमा की यात्रा करने की संभावना है, जहां वह विकसित अर्थव्यवस्थाओं के जी7 समूह की शिखर बैठक में शामिल होंगे. बैठक 19 से 21 मई तक होने का कार्यक्रम है.
पिछले महीने भारत की यात्रा पर आए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने प्रधानमंत्री मोदी को जी7 समूह की बैठक में हिस्सा लेने का न्यौता दिया था. ‘क्वाड’ चार देशों का एक सुरक्षा संवाद समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. यह पहली बार होगा, जब ऑस्ट्रेलिया क्वाड देशों के नेताओं की मेजबानी करेगा. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने बुधवार को घोषणा की कि वह सिडनी में 24 मई को क्वाड की बैठक में भारत, अमेरिका, जापान के नेताओं का स्वागत करने को उत्सुक हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी यात्रा की जानकारी
अल्बनीज के ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि शिखर बैठक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के प्रयासों को गति प्रदान करेगा. मोदी ने ट्वीट किया, ‘सिडनी में क्वाड शिखर बैठक की मेजबानी करने के लिए आपका धन्यवाद, अल्बनीज. यह स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के प्रयासों को गति प्रदान करेगा. मैं यात्रा के दौरान अपनी चर्चा में क्वाड सहयोग और सभी क्षेत्रों में हमारे सकारात्मक एजेंडे को मजबूती प्रदान करने को उत्सुक हुं.’
क्वाड की शिखर बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन लेंगे हिस्सा
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की मेजबानी में सिडनी में 24 मई को आयोजित होने वाली क्वाड की शिखर बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य दखलअंदाजी के मद्देनजर एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं.