केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में गुरुवार को भारत सरकार, असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी/दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल (डीएनएलए/डीपीएससी) के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले में उग्रवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है. सभी जनजातीय समूह मुख्यधारा में शामिल होकर भारत के विकास की प्रक्रिया में भागीदार बन रहे हैं.
समझौते के तहत, DNLA प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, हथियार और गोला-बारूद सहित आत्मसमर्पण करने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, DNLA कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है. आज के समझौते में डीएनएलए के आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के पुनर्वास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा किए जाने वाले आवश्यक उपायों का प्रावधान किया गया है. इस उद्देश्य के लिए, NCHAC के साथ-साथ अन्य भागों में रहने वाले दिमासा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए भारत सरकार और असम सरकार द्वारा पांच साल की अवधि में 500-500 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज भी प्रदान किया जाएगा.