रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ बातचीत की और ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद पर चर्चा की है. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शांगफू के दिल्ली पहुंचने के बाद यह वार्ता हुई. भारत एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी कर रहा है.
तीन साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद यह चीन के रक्षा मंत्री की पहली भारत यात्रा है. सिंह और शांगफू के बीच मुलाकात को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता से कुछ दिन पहले सीमा विवाद को खत्म करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं ने 18वें दौर की सैन्य वार्ता की थी. 23 अप्रैल को हुई कोर कमांडर वार्ता में दोनों पक्ष संपर्क बनाये रखने और पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए थे.
हालांकि, विवाद खत्म करने के लिए आगे बढ़ने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला था.
भारत ने बताया कब होगी सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति
भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि डिसएंगेजमट के बाद अब डी एस्किलेशन की तरफ़ बढ़ना चाहिए. रक्षा मंत्री ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई है. उनका कहना है कि भारत चीन के साथ संबंध सुधारना चाहता है लेकिन यह तभी हो सकता है जब सीमा पर अमन-चैन बहाल हो.
गोवा में एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी विदेश मंत्री छिन कांग भी अगले सप्ताह भारत आने वाले हैं. बैठक चार और पांच मई को होनी है. सिंह ने गुरुवार को कजाकिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की.