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सरकार ने डॉक्टरों के लिए यूनिक आईडी अनिवार्य की, हर 5 साल पर लाइसेंस कराना होगा रीन्यू

नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission-NMC) के बनाए गए नए नियमों के मुताबिक अब देश में डॉक्टरों को मेडिसिन प्रैक्टिस करने के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number-UID) हासिल करना जरूरी होगा. डॉक्टरों के लिए ये यूआईडी एनएमसी एथिक्स बोर्ड से जारी किया जाएगा. ये यूआईडी डॉक्टरों को एनएमआर में रजिस्ट्रेशन कराने और भारत में मेडिसिन प्रैक्टिस करने की योग्यता प्रदान करेगा.

एनएमसी की नई अधिसूचना के मुताबिक देश के सभी रजिस्टर्ड डॉक्टरों के लिए एक कॉमन नेशनल मेडिकल रजिस्टर (common national medical register) होगा. इसे एनएमसी के तहत एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (Ethics and Medical Registration Board-EMRB) के जरिये मेंटेन रखा जाएगा. इस रजिस्टर में विभिन्न राज्यों की मेडिकल कौंसिल के सभी रजिस्टर्ड डॉक्टरों की जानकारियां शामिल होंगी और इसमें डॉक्टर के बारे में हर जरूरी जानकारी रहेगी.

‘रजिस्ट्रेशन ऑफ मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एंड लाइसेंस टू प्रैक्टिस मेडिसिन रेगुलेशंस, 2023’ की नई अधिसूचना में कहा गया है कि एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को जारी किया गया मेडिसिन प्रैक्टिस का लाइसेंस पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा. जिसके बाद मेडिकल प्रैक्टिशनर को राज्य चिकित्सा परिषद में आवेदन करके लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा. लाइसेंस की वैधता खत्म होने के तीन महीने पहले लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है.

पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की जन आरोग्य योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) पिछले कुछ महीनों से एक डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाने पर काम कर रहा है. हर भारतीय डॉक्टर के लिए एक यूनिक आईडी जारी करने की योजना इसमें सबसे जरूरी था. अब हर जानकारी एक ऐप या एक वेबसाइट के जरिये सुलभ होगी. ये डेटाबेस राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के तहत लाई जा रही नई सुविधाओं का हिस्सा है.