देश में चिकित्सा उपकरणों एवं उत्पादों (Medical Equipment and Products) के आयात-निर्यात (Import-Export) से जुड़े कारोबारियों को अब सीमा शुल्क विभाग (Customs Department) के तमाम सवालों के जवाब नहीं देने पड़ेंगे. सीमा-शुल्क विभाग आगामी एक जून से चिकित्सा उत्पादों के आयात-निर्यात के लिए अतिरिक्त खुलासों की व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है ताकि माल की त्वरित निकासी हो सके. ऐसे में अब कारोबारियों को सीमा-शुल्क अधिकारियों की तरफ से आयात-निर्यात कारोबारियों से पूछे जाने वाले सवाल कम हो जाएंगे. फिलहाल, चिकित्सा उपकरणों एवं उत्पादों के आयात-निर्यात से जुड़े कारोबारियों को तमाम सवालों के जवाब देने होते हैं.
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही केंद्र सरकार ने दुर्लभ बीमारियों को लेकर बड़ा ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने उपचार में शामिल दवाओं और विशेष खाद्य सामग्री पर सीमा शुल्क खत्म करने की अधिसूचना जारी की थी. केंद्र सरकार ने कैंसर और हार्ट से संबंधित इलाज में आने वाले दवाई और मेडिकल उपकरणों को बुनियादी सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया था. मोदी सरकार ने इसके साथ ही राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति 2021 के तहत सूचीबद्ध सभी दुर्लभ बीमारियों को इसमें शामिल किया था.
सीमा शुल्क में राहत से होंगे ये फायदे
ऐसे में केंद्र सरकार के नए आदेश के बाद सीमा-शुल्क अधिकारियों की पूछताछ से बचने और आकलन एवं सुविधा में दक्षता बढ़ाने के लिए सीमा-शुल्क कर के कुछ खास अध्यायों के तहत आयात एवं निर्यात से जुड़े अतिरिक्त बिंदुओं को एक जून से लागू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए चिकित्सा उत्पादों के आयात-निर्यात संबंधी खुलासों में प्रस्तावित बदलाव पर हितधारक 26 मई तक अपने विचार रख सकते हैं.
इन मंत्रालयों के प्रयास से हुआ संभव
गौरतलब है कि इन बदलावों की रूपरेखा विदेश व्यापार महानिदेशालय, आयुष मंत्रालय और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया है. सीबीआईसी के मुताबिक, ‘सीमा शुल्क को लेकर मौजूदा खुलासा प्रावधानों से कारोबार किए जा रहे चिकित्सा उत्पादों के बारे में समुचित जानकारी नहीं मिल पाती है. इससे कर आकलन को लेकर तमाम सवाल-जवाब करने पड़ते हैं.’