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कच्ची उम्र, खतरनाक सोच! सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बने नाबालिग आतंकी, बम बनाने में हैं माहिर

सुरक्षा और राज्य की आतंकवाद रोधी एजेंसियां कुछ नई चुनौतियों से जूझ रही हैं. एजेंसियों के रडार पर आने वाले अधिकांश आतंकवादी ऐसे हैं जो उम्र में कम, बहुत युवा और किशोरावस्था वाले हैं. इनमें ऐसे भी हैं जो अभी 18 साल के हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये समूह अत्यधिक कट्टरपंथी हैं और सुरक्षा बलों और संस्थानों के खिलाफ नफरत से भरे हुए हैं.

सूत्रों के मुताबिक ये नवयुवा और किशोर आतंकवादी बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के विचारों के साथ तैयार हैं, जो आसानी से एक बार में 15-20 लोगों को मार सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि ये युवा ज्यादातर सीरिया और अफगानिस्तान में स्थित हैंडलर्स के संपर्क में हैं. ये समूह कथित तौर पर आसानी से उपलब्ध विस्फोटक सामग्री का उपयोग करते हैं जिसकी कीमत लगभग 5,000 से 8,000 रुपये है.

चेहरा मासूम, खतरनाक सोच
एक अधिकारी ने कहा, ‘कभी-कभी यह अविश्वसनीय लगता है कि ये मासूम दिखने वाले लड़के कितनी खतरनाक सोच रखते हैं.’ सूत्रों ने कहा कि एक कारण विस्फोटक और आईईडी बनाने के बारे में इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध जानकारी है. इसके जरिए विस्फोटक बनाना आसान हो जाता है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियां जल्द ही इस समस्या से निपटने के लिए राज्य की आतंकवाद रोधी इकाइयों का एक सम्मेलन बुलाने की योजना बना रही हैं.

मध्य प्रदेश से हुई थी नवयुवकों की गिरफ्तारी
अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार नौ मई को भोपाल में कुछ युवकों की गिरफ्तारी से नाराज हो गई थी और इसकी शिकायत प्रधानमंत्री तक पहुंची थी. उन्होंने बताया कि लड़कों के खिलाफ सबूत दिए जाने के बाद ही यह मामला सुलझ पाया.