दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) के साथ मिलकर एक्सटॉर्शन के एक इंटरनेशनल सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन में 4 संदिग्धों को गिफ्तार किया गया है जिन्होंने अमेरिकी नागरिकों से पैसे वसूलने का इंटरनेशनल रैकेट चलाया हुआ था. इस रैकेट के दो और अन्य सदस्य भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं जिनको अमेरिका (US) और कनाडा (Canada) से गिरफ्तार किया गया है. इंटरनेशनल एक्सटॉर्शन के इस पूरे मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. पुलिस ने चारों संदिग्धों को पटियाला हाउस कोर्ट में भी पेश किया है जहां उनको 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. स्पेशल सेल और एफबीआई ने इस सिंडिकेट द्वारा अब तक पीड़ितों से करीब 20 मिलियन डॉलर वसूलने का अनुमान लगाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल के मुताबिक आरोपियों की पहचान गिरोह के सरगना गुजरात के अहमदाबाद निवासी वत्सल मेहता (29) व पार्थ अरमारकर उर्फ उत्तम ढिल्लों (28), दिल्ली निवासी दीपक अरोड़ा (45) और प्रशांत कुमार (45) के रूप में हुई है. आरोपी भारत के अलावा युगांडा में कॉल सेंटर चलाकर वसूली कर रहे थे. आरोपी खुद को यूएस इंटरनल रेवेन्यू सर्विस, सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन, ड्रग इंफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा दूसरी एजेंसियों का सदस्य बताकर अमेरिका के लोगों को कार्रवाई के नाम पर डराकर मोटी रकम वसूलते थे.
एफबीआई ने 50 से ज्यादा पीड़ितों से पूछताछ की और दिल्ली पुलिस ने उनमें से दो से वीडियो कॉल पर बात भी की थी. स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी धालीवाल ने बताया कि कुछ समय से दिल्ली पुलिस लगातार विदेशी जांच एजेंसियों के सहयोग से देश-विदेश में कार्रवाई कर रही थी. इसी कड़ी में दिसंबर 2022 में 4 आरोपियों को दिल्ली, एक-एक को कनाडा और अमेरिका से गिरफ्तार किया गया था.
स्पेशल सीपी धालीवाल ने कहा कि मुख्य संदिग्ध की पहचान पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी के वत्सल मेहता के रूप में हुई है. उसका सहयोगी अहमदाबाद का पार्थ अरमरकर है. इन दोनों को दबोचा जा चुका है.