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‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?’ समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी ने पूछा सवाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की पुरजोर वकालत करते हुए सवाल किया कि ‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?’ उन्होंने साथ ही कहा कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का उल्लेख है. यहां पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तय किया है कि वह तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के बजाए ‘संतुष्टिकरण’ के रास्ते पर चलेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हें भड़काकर उनका फायदा लेने के लिए उनको बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम देख रहे हैं समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.’

पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- वो हम पर आरोप लगाते हैं ले‍किन…
उन्होंने कहा, ”ये लोग (विपक्ष) हम पर आरोप लगाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे मुसलमान, मुसलमान करते हैं. अगर वे वास्तव में मुसलमानों के हित में (काम) कर रहे होते, तो मुस्लिम परिवार शिक्षा और नौकरियों में पीछे नहीं होते.” मोदी ने मध्य प्रदेश में भोपाल की अपनी यात्रा के दौरान कहा, कुछ लोगों द्वारा अपनाई गई तुष्टीकरण की नीति देश के लिए ‘विनाशकारी’ है. मालूम हो कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

सरकार ने बिना किसी भेदभाव के वंचितों के लिए काम किया
उन्होंने यह भी कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण पसमांदा ( सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमान) मुसलमानों के साथ बराबरी का व्यवहार भी नहीं किया जाता है जबकि सरकार ने बिना किसी भेदभाव के वंचितों (पसमांदा मुस्लिमों सहित) के लिए काम किया है. मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, दक्षिण भारत, खासकर केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु और कई अन्य राज्यों में तुष्टीकरण की नीति के कारण कई जातियां विकास से पीछे रह गईं.