भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा है कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध है. वे जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हमें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि सरकार भी इस प्रक्रिया में एक हितधारक है और ये सिफारिशें, नामों की सिफारिश के 72 घंटे से भी कम समय में आई हैं. सुप्रीम कोर्ट में सभी नियुक्तियां केवल कॉलेजियम के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के साथ परामर्श के बाद की जाती है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने जो भी नियुक्तियां की, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों से गहन चर्चा और सलाह आदि की. इसके कारण आने वाला हर शख्स सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों का समान आदर, स्नेह और उनके प्रति अपनेपन की भावना रखता है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन को लेकर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये दोनों बार के पूर्व सदस्य हैं और इस नाते वे विचारों में ताजगी लाएंगे. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन को 19 मई को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
बार के सदस्य जब न्यायिक पदों पर आते है तो उनमें प्रेरणा और पहल होती है
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब बार के सदस्य को बड़ी जिम्मेदारी मिलती है तो वे विचारों में ताजगी लाते हैं. जिला से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जो सदस्य पहुंचते हैं; वे निरंतरता की परंपरा लेकर आते हैं. संस्था के अस्तित्व के लिए दोनों समान रूप से जरूरी होते हैं. जो लोग लंबे समय से जज रहे हैं; यह उनके लिए चुनौती है कि वे इस व्यवस्था में बने रहते हुए खुश न हों. बार के सदस्य जब न्यायिक पदों पर आते हैं तो उनमें प्रेरणा और पहल होती है. जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बारे में कहते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह नियुक्ति यह बताती है कि सुप्रीम कोर्ट में आने वाले जज भारत में सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़े हुए हैं. उन्होंने जस्टिस केवी विश्वनाथन को युवा वकीलों के लिए आदर्श और गुरु बताया.