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इनकम टैक्स रिफंड के 5 नियम, आपको पता हैं तो कोई नहीं रोक सकता पैसा, नोटिस का भी डर नहीं, बस फॉलो करते जाइये

रिटर्न भरने का सबसे जरूरी और पहला नियम है कि आपको अपनी डिटेल ITR फॉर्म में एकदम सही भरनी होगी. फॉर्म भरते समय ध्‍यान रखें कि आपके नाम की स्‍पेलिंग, पता, ईमेल और फोन नंबर आदि जानकारियां एकसदम सही होनी चाहिए. इसकी स्‍पेलिंग मिला लेना भी बेहतर होगा.

अगर फोन नंबर या नाम की स्‍पेलिंग में गड़बड़ी होगी तो आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है. मोबाइल नंबर वही डालें जो आपके बैंक खाते के साथ लिंक हो, ताकि इनकम टैक्‍स विभाग की ओर से आपको रिटर्न या रिफंड से जुड़ा SMS आ सके और आपको समय पर जानकारी मिल सके.

रिफंड को जल्‍दी पाने के लिए आपको बैंक खाता पहले ही वैलिडेट (सत्यापित) कराना जरूरी होता है. रिटर्न (ITR) भरने के बाद आपका रिफंड बनता है तो इनकम टैक्‍स विभाग आपके बैंक खाते में ही पैसे भेजता है. अगर आपका पहले से ही बैंक खाता वैलिडेट नहीं है तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है

कंपनी की ओर से काटे गए टीडीएस (TDS) के टैन की डिटेल भी अपने रिटर्न फॉर्म में सही से भरना चाहिए. इसीलिए रिटर्न के लिए 26AS फॉर्म को भी चेक करना चाहिए, ताकि TDS और TCS की सही जानकारी रिटर्न फॉर्म में मिलाई जा सके. रिटर्न भरते समय इसका मिलान करना जरूरी है, क्‍योंकि जरा सी गलती होने पर आपको ज्‍यादा टैक्‍स देना पड़ सकता है.