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कब तक ‘कड़वा’ रहेगा टमाटर का टेस्ट? बड़े ओहदेदार ने बताया- कितने दिन और करना होगा इंतजार, गिना दिए कारण

भारत में टमाटर की कीमत आसमान पर पहुंच गई है. आलम यह है कि लोगों को घरों में बिना टमाटर के सब्जियां बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पिछले महीने जो टमाटर 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, अब भाव बढ़कर 260 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. हालांकि, लोगों को राहत देते हुए सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से रियायती दरों पर टमाटर बेच रही है.

दिल्ली-एनसीआर और कुछ अन्य शहरों में टमाटर 80 रुपये प्रति किलो की उचित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. हालाँकि, यह पहल भले ही नेक इरादे से की गई हो, लेकिन देश भर में भारी मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक टमाटरों की भारी मात्रा के कारण इसका सीमित प्रभाव हो सकता है.

से बात करते हुए, नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (NCML) के प्रबंध निदेशक, संजय गुप्ता ने टमाटर की कीमत में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी की वजह बताई. उन्होंने कहा कि खराब मौसम और उससे फसल प्रभावित होने के कारण टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मॉनसून सक्रिय होता जा रहा है, अत्यधिक बारिश और उसके बाद जलभराव ने टमाटर की फसल को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे बाजार में आपूर्ति की कमी हो गई है

गुप्ता ने कहा, “मेरा मानना ​​​​है कि ताजा फसल शुरू आने से पहले मौजूदा भाव एक और डेढ़ महीने तक ऐसे ही बने रहेंगे. फिलहाल, हम उन क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश देख रहे हैं जहां टमाटर बोया जाता है, इसलिए देरी होने की संभावना है. इसलिए मेरा मानना ​​है कि अगले डेढ़ से दो महीने बाद ही हमें कुछ राहत मिलेगी.”