चंद्रयान-3 को लेकर गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तरफ से एक अहम जानकारी दी गई. इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की तीसरी कक्षा का चक्कर पूरा कर लिया है. अब वो सफलतापूर्वक चौथी कक्षा में प्रवेश कर चुका है. तीसरी कक्षा का चक्कर पूरा होने के बाद इसरो ने चंद्रयान-3 के इंजन को स्टार्ट कर उसे अगली कक्षा की ओर मोड़ दिया. इसरो की तरफ से बताया गया कि अगले पांच दिन में चंद्रयान-3 पृथ्वी की चौथी कक्षा का अपना चक्कर पूरा करेगा. अब 25 जुलाई को पांचवीं कक्षा में प्रवेश के लिए फिर से इंजन को स्टार्ट किया जाएगा.
भारतीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि 25 जुलाई को दोपहर दो से तीन बजे के बीच अगली कक्षा में चंद्रयान को प्रवेश कराया जाएगा. बताया जा रहा है कि करीब 24 अगस्त को चंद्रयान चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. बता दें कि इसरो ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था. 40 दिन के लंबे अंतराल के बाद चंद्रयान को चांद पर उतरना है. 18 जुलाई को चंद्रयान-3 ने तीसरी कक्षा में प्रवेश किया था. चंद्रयान मिशन सफल रहा तो भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
6 कंपनियों ने दिया ISRO का साथ
अगर ये मिशन सफल रहा तो सिर्फ देश के वैज्ञानिकों को गर्व ही नहीं होगा, बल्कि शेयर बाजार की 6 कंपनियों में पैसे लगाने वाले निवेशक भी मालामाल हो जाएंगे. इन 6 कंपनियों ने चंद्रयान के इस सफर में ISRO के साथ बड़ी भूमिका निभाई है. अगर मिशन सफल रहा तो इन कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल आना तय है.
चंद्रयान मिशन से इनवेस्टमेंट के नए रास्ते खुलेंगे
अगर चंद्रमा पर भारत के अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक लैंडिंग हो जाती है तो मून एक्सप्लोरेशन में भारत के लिए नए रास्ते खुलेंगे और इसे भारत की इकोनॉमी के लिए भी सकारात्मक माना जा रहा है. इससे भारत की प्राइवेट स्पेस कंपनियों लिए नए मौके और नए इनवेस्टमेंट्स के रास्ते खुलेंगे. ग्लोबल स्पेस मार्केट वैल्यू 486 बिलियन डॉलर यानी करीब 40 लाख करोड़ है, जिसके 2032 तक 1879 बिलियन डॉलर यानी 154 लाख करोड़ तक होने की संभावना है. इस मार्केट में भारत का योगदान अभी से कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है.