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AI से नहीं है नौकरी का खतरा, इंडियामार्ट के CEO ने कहा- सिर्फ बदल जाएगा काम करने का तरीका

ऑनलाइन थोक व्यापार (बी2बी) मंच इंडियामार्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) दिनेश अग्रवाल ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग से बी2बी नेटवर्किंग का दायरा बढ़ गया है, जिससे क्षेत्र में ज्यादा कार्यबल की जरूरत अचानक से बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति करने वाले मंच इंडिया मार्ट ने वॉयस सर्च, मिश्रित भाषा और गलत लिखे गए शब्दों के अनुवाद जैसे एआई ऐप के उपयोग से संबद्ध लोगों को जोड़ने के अपने अनुपात में सुधार किया है.

अग्रवाल ने कहा कि वॉयस सर्च एआई से पहले संभव नहीं था. आवाज पहचानना पिछले तीन-पांच साल में ही संभव हुआ है. तस्वीर पहचान या तस्वीर वर्गीकरण अच्छा नहीं था और आज भी इसमें सुधार हो रहा है. तो, हम दुनियाभर में हो रहे विभिन्न एआई नवाचारों के माध्यम से इसके और उपयोग तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.

कंपनी ने हर तिमाही में दी नौकरी
कंपनी ने कोविड-19 महामारी के बाद हर तिमाही में लगभग 200 कर्मियों को नौकरी देना जारी रखा है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई प्रौद्योगिकी आती है तो नौकरियां कम नहीं होती हैं बल्कि काम की प्रकृति बदल जाती है. वास्तव में तो, नौकरियाँ बढ़ जाती हैं क्योंकि जो कुछ आप पहले नहीं कर पाते थे, अब आप उस बाजार की भी सेवा कर सकते हैं… यह वास्तव में व्यापारिक सीमा का विस्तार करता है और इसीलिए हमें अधिक लोगों की आवश्यकता है.

कंपनी लगभग 5,500 लोगों के आंकड़े के करीब
कंपनी कोविड-19 महामारी के बाद पिछले 18 महीनों में मंच पर लगभग 60,000 ग्राहक जोड़ते हुए 2.80 लाख उपयोगकर्ता की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है. अग्रवाल ने कहा कि मंच पर बढ़े ट्रैफिक की सेवा के लिए कंपनी को हर साल अपने कार्यबल में लगभग 1,000 लोगों को जोड़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से पहले हमारे पास लगभग 3,500 लोग थे और कोविड के दौरान, जब हमने 18 महीनों तक काम पर नहीं रखा, यह घटकर 3,000 से भी कम रह गया. अब, हम लगभग 5,500 लोगों के आंकड़े को छूने वाले हैं. इसलिए मुझे लगता है, हमने बहुत अधिक संख्या में लोगों को जोड़ा है और इस तिमाही में भी हमने लगभग 200 लोगों को जोड़ा है.