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अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अव्वल होगा भारत, गृह मंत्री अमित शाह ने बताई बड़ी वजह

भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में मिल रही सफालताओं को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई अहम बातें कही हैं. अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊंची छलांग रहा है, जिसका सपना दिवंगत राष्ट्रपति एवं प्रख्यात वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने देखा था. गृहमंत्री अमित शाह ने यह बात ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, मेरोरीज नेवर डाई’ नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान कही. उन्होंने भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अमूल्य योगदान के लिए कलाम की सराहना भी की.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छात्रों, युवाओं तथा उनके स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में अवसर खुले हैं. अंतरिक्ष विज्ञान में उपब्धियों का स्वप्न प्रधानमंत्री मोदी के नवाचार तथा नई पहलों से पूरा होगा और मेरा मानना है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अग्रणी होगा.’’ उन्होंने कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति के पदचिह्नों पर चलकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने 55 अंतरिक्ष यान, 50 प्रक्षेपण यान अभियान शुरू किए तथा 11 छात्र उपग्रह प्रक्षेपित किए.

‘मेरी जमीन, मेरे लोग’ पदयात्रा को किया रवाना
शाह ने यहां शुक्रवार को एक रैली को भी संबोधित किया और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई की राज्य भर के लिए पदयात्रा ‘मेरी जमीन, मेरे लोग’ को रवाना किया. रामेश्वरम दिवंगत राष्ट्रपति कलाम (1931–2015) का गृह स्थान है. उन्होंने कलाम की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने शुरुआत ‘समाचार पत्र’ बेचने से की थी, लेकिन बाद में अपने कार्यों से उन्होंने प्रसिद्धि प्राप्त की और देश में सर्वोच्च पद भी पहुंचे.

राष्ट्रपति भवन में अतिथियों का खर्च उठाते थे कलाम
कलाम के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि जब कलाम राष्ट्रपति थे तब एक बार कुछ लोग नौ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके थे, राष्ट्रपति ने उनके रुकने के खर्च के एवज में सरकार को 9.52 लाख रुपये दिए थे. हालांकि नियम के मुताबिक वे लोग सरकारी अतिथि थे.