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भारत बनेगा सेमीकंडक्टर निर्माण का हब, वेदांता प्रमुख बोले- 2.5 साल में तैयार होगा पहला मेड इन इंडिया चिप

भारत को सेमी कंडक्टर निर्माण का हब बनाने के प्रयास जारी हैं. इसी कड़ी में वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि कंपनी योजनाबद्ध तरीके से अगले ढाई वर्षों में भारत में बना पहला चिप तैयार कर लेगी. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि चिप निर्माण इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया पटरी पर है और कंपनी को नया पार्टनर मिल गया है. सेमीकॉन इंडिया 2023 में अनिल अग्रवाल ने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा और भारत में सिलिकॉन वैली बनाने के लिए यह सबसे उचित स्थान है.

उन्होंने कहा, “वेदांता भारत में फैब और डिस्प्ले यूनिट के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. डेविड रीड (सेमीकंडक्टर फैब यूनिट के सीईओ) ने फैब उद्यम को क्रियान्वित करने के लिए और इसी तरह वाईजे चेन ने डिस्प्ले ग्लास निर्माण के लिए एक शानदार योजना बनाई है.”

फंडिंग के लिए कई कंपनियां तैयार
सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर वेदांता की महत्वाकांक्षाओं में कुछ रुकावटें आ रही हैं. पिछली बार सरकार ने टेक्नोलॉजी पार्टनर के अभाव में प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. हालांकि, अब कंपनी एसटीएम इक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मेमो पर हस्ताक्षर कर रही है. हाल ही में वेदांता को उस समय बड़ा झटका लगा जब सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन ने साझेदारी तोड़ते हुए खुद का बिजनेस वेंचर स्थापित करने का फैसला लिया.

इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने बताया है कि वेदांता के पास एक प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने के लिए पर्याप्त संसाधनों का अभाव था. हालांकि, अनिल अग्रवाल ने इस तरह की आलोचना का खंडन करते हुए कहा, ”वेदांता के पास अच्छा कैश फ्लो है, हम वेदांता में पूंजी आवंटन करेंगे और हमें इसके लिए शेयर और लोन देने के लिए लोगों की कतार है, लेकिन हम चाहते हैं कि पहले एलायंस हो.”