जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई शुरू हुई. वहीं इस बीच गृह मंत्रालय ने संसद में दाखिल एक विस्तृत जवाब में पिछले 3 वर्षों के दौरान इस केंद्रशासित प्रदेश में ‘सभी मोर्चों पर परिवर्तन’ दिखाने वाले आंकड़े पेश किए.
अमित शाह के अधीन आने वाले गृह मंत्रालय ने संसद को बताया कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022-23 में 92,560 परियोजनाएं पूरी हुईं, जबकि ‘अनुच्छेद 370 युग’ में यानी 2018-19 में 9,229 परियोजनाएं पूरी हुई थी. गृह मंत्रालय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में निवेश भी दस गुना बढ़ गया है, जो 2019-20 में 296 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 2,153 करोड़ रुपये हो गया है. सरकार ने इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के बारे में बताया कि, ‘जीएसटी राजस्व और अन्य कर संग्रह 9,310.99 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं.’
जम्मू-कश्मीर के लोगों को पहले नहीं मिल पा रहा था पूर्ण अधिकार
गृह मंत्रालय ने संसद को बताया, ‘अनुच्छेद 370 और अन्य संवैधानिक अस्पष्टताओं के कारण, इस क्षेत्र के लोगों को भारत के संविधान में निहित पूर्ण अधिकारों और विभिन्न केंद्रीय कानूनों के अन्य लाभों से वंचित कर दिया गया था, जिनका देश के अन्य नागरिकों को लाभ मिल रहा था. संवैधानिक परिवर्तनों के बाद, सभी केंद्रीय कानूनों को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागू किया गया है, 205 राज्य कानूनों को निरस्त कर दिया गया है और 130 राज्य कानूनों को संशोधित करके लागू किया गया है’.
गृह मंत्रालय ने साथ ही बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों के दौरान 6,912 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है. वहीं पिछले चार वर्षों के दौरान 19,096 किलोमीटर सड़क को ब्लैक-टॉप किया गया है और असंबद्ध बस्तियों को जोड़ने के लिए 302 पुलों का निर्माण किया गया है.
जम्मू-कश्मीर में सफर बना सुगम
इसमें कहा गया है कि एनएच-44 पर छह सड़क सुरंगें बनाकर घाटी की कनेक्टिविटी में सुधार किया गया है, जिसमें काजीगुंड और बानिहाल के बीच 8.45 किलोमीटर लंबी ट्विन ट्यूब सुरंग भी शामिल है, जिससे जम्मू से श्रीनगर तक सफर का औसत समय 8-10 घंटे से कम होकर 5-6 घंटे हो गया है. इसके अलावा, प्रमुख राजमार्गों पर यात्रा का समय लगभग आधा हो गया है, जिसमें अब श्रीनगर से गुलमर्ग तक जाने में केवल 1.5 घंटे लगते हैं और जम्मू से डोडा तक के सफर में अब 3.5 घंटे लगते हैं.
सरकार ने कहा कि पांच एक्सप्रेसवे, जम्मू और श्रीनगर शहरों के लिए रिंग रोड, 10 प्रमुख और 11 अन्य सुरंगों, 33 फ्लाईओवर, 18 प्रमुख शहरों के लिए बाईपास के उन्नयन पर काम चल रहा है.
आर्थिक प्रगति के पथ पर जम्मू-कश्मीर
सरकार ने कहा कि 20,000 मेगावाट जलविद्युत क्षमता में से, जम्मू-कश्मीर 70 वर्षों में केवल 3,500 मेगावाट का ही दोहन कर पाया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ही 3,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को पुनर्जीवित किया गया और उन्हें पटरी पर लाया गया. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में सौभाग्य योजना के तहत 100% विद्युतीकरण हासिल कर लिया गया है.
गृह मंत्रालय ने संसद को यह भी बताया है कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 28,400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना 2021 में अधिसूचित की गई थी.
सरकारी जवाब में कहा गया है, ‘इन पहलों से 3.5 लाख से अधिक रोजगार सृजन की क्षमता के साथ 80,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.’
सरकार ने कहा कि इससे 2022-23 में 2,153 करोड़ रुपये का निवेश साकार हुआ और 11,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला. वहीं वर्ष 2019-20 के दौरान जम्मू-कश्मीर में केवल 296 करोड़ रुपये का निवेश आया था. ऐसे में यह दस गुना वृद्धि दर्शाता है.
पर्यटकों की संख्या में भी खूब इजाफा
सरकार ने वर्ष 2021 में 1.13 करोड़ की तुलना में 2022 में पर्यटकों की संख्या 1.88 करोड़ से अधिक पहुंचने का जिक्र करते हुए अभूतपूर्व वृद्धि का भी हवाला दिया है. सरकार ने बताया, ‘जनवरी से जून 2023 के दौरान 1.10 करोड़ पर्यटकों ने केंद्रशासित प्रदेश का दौरा किया है, जिसमें 16,423 विदेशी पर्यटक शामिल हैं, जो पिछले साल के मुकाबले चार गुना है. सरकार ने बताया कि पिछले साल इसी अवधि में 4,411 विदेशी पर्यटक आए थे.
सरकार ने कहा, ‘मई 2023 के महीने में श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक की मेजबानी घाटी के पर्यटन के इतिहास में एक लाइफटाइम इवेंट थी.’ सरकार ने बताया कि लगभग 3.70 पर्यटकों ने ट्यूलिप गार्डन का दौरा किया, जो एक सर्वकालिक रिकॉर्ड है और बगीचों और पार्कों में पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ गई है. वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 55 लाख पर्यटकों ने विभिन्न उद्यानों और पार्कों का दौरा किया.