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चीन की हर चालबाजी होगी अब नाकाम! लद्दाख में बन रहा है तीसरा फाइटर एयरबेस, पल भर में दुश्मन का काम होगा तमाम

तीन साल पहले पूर्वी लद्दाख में भारतीय वायुसेना ने अपने ऑपरेशन से चीन (China) को बैकफुट पर डाल दिया था. वजह थी कम समय में तेजी से भारतीय सेना को पूरे साजो सामानों हथियारों के साथ LAC तक पहुंचना. अब जल्द ही भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने जा रहा है. भारतीय वायुसेना को अब लद्दाख से फाइटर जेट ऑपरेशन के लिए तीसरा एयरबेस मिलने जा रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 13700 फीट की उंचाई पर भारतीय वायुसेना के न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड कर के नया फाइटर बेस तैयार किया जा रहा है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते ही इसका काम शुरु किया जा चुका है और जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी न्योमा का दौरा करने जा सकते है. जहां पर वो नए एयरबेस के नवीनीकरण के काम के साथ साथ सुरक्षा हालातों और तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे.
लगभग 2.7 किलोमीटर लंबा रनवे पूरी तरह के कंक्रीट का होगा और रनवे के साथ बाकी काम भी अगले 20 से 22 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि इसी साल मई-जून में इसके अपग्रेडेशन का काम शुरू होना था. लेकिन पर्यावरण और अन्य तरह की मंजूरी के चलते थोड़ा लेट हुआ लेकिन अब काम तेज से जारी है. अगर हम लद्दाख में एयरबेस की बात करें तो यहां से पूरी तरह से फाइटर ऑपरेशन को चलाया जा सकता है. इसमें सिर्फ लेह और थौएस ही एसे एयरबेस हैं.

इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर ऑपरेशन के लिए 3 एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है जिसमें न्योमा, दौलत बेग ओल्डी, फुक्चे शामिल है. न्योमा ALG ने पिछले तीन साल के दौरान भारतीय वायुसेना की ताकत को LAC के पास बढ़ाने में बहुत कारगर साबित हुआ. लेह तक बडे हैवि लिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए सैनिकों को लाने फिर हाई एल्टीट्यूड में तैनाती के लिए C-130 J, चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए इसी ALG का इस्तेमाल किया गया था.

न्योमा ALG पहली बार साल 1962 में अस्तित्व में आया था. लेकिन उसके बाद कभी इस्तेमाल ही नहीं किया गया. भारत सरकार में चीन की भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए चीन सीमा के साथ लगने वाले सभी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड करने के प्लान को एक्टिव किया. साल 2009 में An-32 ने लैंडिंग की थी. वहीं पिछले तीन साल के दौरान इस ALG में सैकड़ों बार हेलिकॉप्टर और एयर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है. इसमें भारी भरकम टैंक से लेकर हथियारों को वॉर फ्रंट तक पहुंचाए गया. भारत सरकार ने इसी साल जनवरी में न्योमा ALG को अपग्रेड करने का एलान किया. खास बात ये है कि इस न्योमा एयरबेस पर लैंडिंग और टेकऑफ दोनों तरफ से हो सकती है. यह भारतीय वायुसेना के लिए बहुत बडा एडवांटेज है. क्योंकि हाई एल्टीट्यूड एरिया में इस तरह के इलाके कम ही मिलते हैं. इस अपग्रेडेशन में 214 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च आएगा.