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टैक्‍स बचाने के लिए खरीदी बीमा पॉलिसी, पर बदल गया है नियम, अब लाइफ इंश्‍योरेंस पर चुकाना पड़ेगा आयकर

कोरोना महामारी के बाद वैसे तो जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) एक जरूरत बन गई है, लेकिन आज भी ज्‍यादातर लोग इसे टैक्‍स बचाने के साधन के रूप में ही देखते हैं. इस तरह की पॉलिसी का तिहरा फायदा मिलता है, जिससे ज्‍यादातर लोग इसे अच्‍छे विकल्‍प के रूप में देखते हैं. लेकिन, साल 2023 के बजट में सरकार ने बीमा पॉलिसी से जुड़े नियमों को बदल दिया है.

दरअसल, बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि अगर जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो इसके रिटर्न पर इनकम टैक्स भरना पड़ेगा. अब केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि अगर 5 लाख रुपये से ज्‍यादा का प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी पर भरा जाता है तो उसके रिटर्न को कमाई का हिस्‍सा माना जाएगा और उस पर इनकम टैक्‍स देना पड़ेगा.
कब से खरीदी पॉलिसी पर होगा लागू
CBDT ने अपने नोटिफिकेशन में इनकम टैक्‍स के 16वें संशोधन का हवाला देते हुए कहा है क‍ि नियम 11UACA के मुताबिक, नया नियम 1 अप्रैल, 2023 के बाद खरीदी जीवन बीमा पॉलिसीज पर लागू होगा. इसके तहत अगर सालभर में पॉलिसीज का कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उससे हुई कमाई यानी रिटर्न पर इनकम टैक्‍स लगाया जाएगा.

अगर एक से ज्‍यादा हुई पॉलिसी तो…
बीमा पॉलिसी को लेकर बदले नियमों में साफ कहा गया है कि अगर एक से ज्‍यादा पॉलिसीज हैं तो सभी के प्रीमियम को मिलाकर कैलकुलेट किया जाएगा. अगर इनका प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं है तो उसकी मेच्‍योरिटी पर जो रिटर्न मिलेगा, वह पूरी तरह टैक्‍स फ्री होगी. आयकर के सेक्‍शन 10(10D) के तहत बीमा पॉलिसी की मेच्‍योरिटी पर मिलने वाली राशि पर इनकम टैक्‍स की छूट मिलती है. लेकिन, अब अगर प्रीमियम की राशि 5 लाख से ज्‍यादा है तो उसकी मेच्‍योरिटी पर मिला पैसा इनकम टैक्‍स के दायरे में आएगा.
फिर भी है टैक्‍स छूट का चांस
सरकार ने जीवन बीमा का नियम तो बदल दिया है, लेकिन अब भी टैक्‍स छूट का चांज मिलेगा. दरअसल, नियमों में बदलाव के बावजूद कहा गया है कि 5 लाख की लिमिट किसी भी यूलिप बीमा पॉलिसी पर लागू नहीं होगी. बजट 2023-24 में कहा गया है कि यूलिप पॉलिसी को छोड़कर अन्‍य सभी पर 5 लाख के प्रीमियम का नियम लागू होगा. इसके अलावा अगर पॉलिसी की मेच्‍योरिटी से पहले बीमाधारक की मृत्‍यु हो जाती है तो भी उसकी पूरी राशि इनकम टैक्‍स के दायरे से बाहर होगी. भले ही इसका प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्‍यादा क्‍यों न हो.